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मसूरी विंटर लाइन कार्निवल की तैयारी शुरू, CM करेंगे शुभारंभ

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Published : Nov 20, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 3:51 PM IST

मसूरी प्रशासन ने मसूरी विंटर लाइन कार्निवल की तैयारी शुरू कर दी है. 25 दिसंबर से 30 दिसंबर तक कार्निवल का आयोजन किया जाएगा. मसूरी एसडीएम ने बताया कि इस बार सभी कार्यक्रम दिन में आयोजित किए जाएंगे.

मसूरी

मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी में आयोजित होने वाले मसूरी विंटर लाइन कार्निवल की तैयारी शुरू हो चुकी है. 25 से 30 दिसंबर तक चलने वाले कार्निवल में देर रात कोई कार्यक्रम नहीं होंगे. एसडीम मसूरी वरुण चौधरी ने बताया कि मसूरी विंटर लाइन कार्निवल के दौरान सभी कार्यक्रम दिन में ही आयोजित किए जाएंगे, जिसमें प्रदेश के संस्कृति और खान-पान को प्रदर्शित किया जाएगा. कार्निवल का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करेंगे.

मसूरी विंटर लाइन कार्निवल की तैयारी शुरू

देश-विदेश से मसूरी आने वाले सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन किया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी कार्निवल का आयोजन 25 से 30 दिसंबर तक किया जाएगा. एसडीएम मसूरी वरुण चौधरी ने बताया कि कार्निवल में आयोजित होने वाले सभी प्रोग्राम दिन में होंगे. कार्यक्रम का आयोजन मसूरी माल रोड पर किया जाएगा, जिसमें सैलानी उत्तराखंड की संस्कृति को नजदीकी से देखने और पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे. कार्निवल में स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भी दिया जाएगा.

कैसी होगी सुरक्षा व्यवस्था

एसडीएम के मुताबिक माल रोड और घंटाघर पर विभिन्न स्टेज बनाए जाएंगे. सभी कार्यक्रम स्थल पर एक अधिकारी तैनात होगा. जिससे कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न आए और कार्यक्रम को सही तरीके से संचालित किया जा सके. इस दौरान यातायात को लेकर पुलिस द्वारा स्पेशल प्लान तैयार किया जा रहा है. जिससे माल रोड में किसी प्रकार के वाहनों को लेकर समस्या पैदा न हो.

जानें क्या होता है विंटर लाइन?

आकाश में सूरज छिपने के बाद एक लंबी पीली लाइन बन जाती है. इसी को विंटर लाइन कहते हैं. मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ठंड के मौसम में वायुमंडल में नमी आ जाती है और मैदानी क्षेत्रों की धूल एक सीमित ऊंचाई के बाद रुक जाती है. इससे एक समानांतर रेखा विंटर लाइन के तौर पर उभर जाती है. यह रेखा धूल के कणों से बनती है जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है. धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटर लाइन भी उतनी ही गहरी बनती है.

यह विंटर लाइन अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक मसूरी से दून घाटी की ओर दिखाई देती है. दून वैली से मसूरी 6000 फीट ऊपर है. दून का तापमान जल्दी-जल्दी बदलता रहता है. शाम के समय नमी-धूल और कोहरा सब एक साथ एक लाइन में आकाश में नजर आते हैं और साथ में ढलता सूरज विंटर लाइन को जन्म देता है.

बता दें कि दुनिया में विंटर लाइन का नजारा सिर्फ दो जगह से ही देखा जा सकता है. एक स्विट्जरलैंड और दूसरा मसूरी में.

Last Updated : Nov 20, 2019, 3:51 PM IST

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