मसूरी: नगर पालिका परिषद द्वारा नगर पालिका सभागार में पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्ता की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित की गई. जिसमें शिफन कोर्ट में निवास कर रहे 84 परिवारों को विस्थापन करने के साथ उन को आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने को लेकर चर्चा की गई. बैठक में सर्वसम्मति से शिफन कोर्ट के प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने के साथ दो-दो लाख रूपये की आर्थिक मदद देने के प्रस्ताव को शासन में भेजने की सहमति बनी.
बता दें कि शासन स्तर से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जाधारियों को विस्थापित करने की कोई योजना नहीं है. वहीं, बैठक में कुछ सभासदों ने पर्यटन विभाग से पालिका के द्वारा शिफन कोर्ट को लेकर किये गए अनुबंध को समाप्त कर जमीन वापस लेने की मांग भी की.
मसूरी नगर पालिका की बोर्ड बैठक सभासद गीता कुमाईं ने कहा कि शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों को आपदा के समय पर राहत राशि देने के साथ बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई. वहीं, सभी लोगों का नाम भी वोटर लिस्ट में दर्ज है. ऐसे में लोग वहां अवैध कैसे हो गए.
सभासद प्रताप पंवार ने कहा कि 2018 में पर्यटन विभाग के साथ किए गए अनुबंध में शिफन कोर्ट में निवास कर रहे लोगों को विस्थापित करने की बात की गई है. ऐसे में पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारियों को बुलाकर बैठक की जाए और प्रभावित लोगों को मसूरी में पर्यटन विभाग की जमीन पर विस्थापित किया जाए.
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सभासद सरिता पंवार और सरिता कोहली ने भी शिफन कोर्ट के लोगों को विस्थापित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सभी लोग परेशान हैं. साथ ही बारिश का प्रकोप लगातार जारी है. इस समय अगर लोगो को बेघर किया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा.
पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों लोगों को विस्थापन करने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. वहीं, पालिका द्वारा जमीन उपलब्ध कराई जायेगी. जिसमें शासन स्तर पर आवासीय कॉलोनी को लेकर योजना बनाकर शिफन कोर्ट के प्रभावित लोगों को विस्थापित किया जाए. साथ ही प्रभावितों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा देने पर भी विचार किया जा रहा है.