मसूरी:वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरा देश लड़ रहा है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में तीन मई तक लॉकडाउन है. भारत सरकार भी कोरोना वायरस को कम करने के लिए लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने की लगातार अपील कर रही है. लेकिन उत्तराखंड के मसूरी छावनी परिषद में बोर्ड पर लिखा है- मास्क पहनना जरूरी नहीं है.
मसूरी छावनी परिषद ने बोर्ड लगाया- 'मास्क पहनना अनिवार्य नहीं' बता दें कि भारत सरकार ने मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. परंतु मसूरी छावनी परिषद के अधिकारियों को भारत सरकार के द्वारा जारी एडवाइजरी से कुछ लेना-देना नहीं दिखाई दे रहा है. उनके द्वारा छावनी परिषद क्षेत्र में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाकर लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जागरूक किया जा रहा है. परंतु मास्क पहनना जरूरी नहीं जैसा गैरजरूरी बोर्ड भी लगाया गया है.
ये भी पढ़ें:होटल एसोसिएशन ने लगाई की मदद गुहार, सीएम को भेजा पत्र
बोर्ड में साफ लिखा हुआ है कि कोरोना वायरस संक्रमण से भयभीत न हों. हर किसी को मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है. बोर्ड में भारत सरकार रक्षा मंत्रालय छावनी परिषद लंढौर मसूरी के द्वारा यह पूरा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. दूसरी तरफ राज्य सरकार लगातार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए काम कर रही है, लेकिन मसूरी छावनी परिषद के अधिकारी सरकारी आदेशों का मखौल बना रहे हैं. स्थानीय लोग इस आदेश को पढ़कर हैरान हैं.
ये भी पढ़ें:आखिरकार झुका मसूरी इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन, नहीं हटाये जायेंगे टीचर
छावनी परिषद के सीईओ अभिषेक राठौर ने बताया कि पूर्व में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बोर्ड बनवाए गए थे. विभिन्न बोर्डों के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक और उससे बचाव के लिए अलग-अलग तरीके बताए गए हैं. लेकिन मास्क पहनना जरूरी नहीं है, यह मामला संज्ञान में नहीं है और अगर ऐसा है तो इन बोर्डों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाएगा. लापरवाही करने वाले अधिकारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.