मसूरीःपहाड़ों की रानी मसूरी का 200 वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस मौके पर टाउन हॉल पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल रि. अनिल कुमार भट्ट, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने शिरकत की. वहीं, इतिहासकार, शिक्षकों और प्रोफेसरों ने इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया तो कई लोगों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया. उनका कहना था कि इतिहास में प्रमाण है कि मसूरी की स्थापना 1827 में हुई थी. ऐसे में पालिका की ओर से 4 साल पहले ही स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, जो गलत है.
मसूरी के 200वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम, साहित्यकारों ने लगाया इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप
मसूरी के 200वें स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया, लेकिन साहित्यकार और इतिहासकारों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया. उन्होंने साफतौर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया.
मसूरी के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा ने कैप्टन यंग के परिजनों और शहर के लिए विशेष योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मसूरी काफी सुंदर हिल स्टेशन है. यहां पर पर्यटन के क्षेत्र में विकास कार्य करने की जरूरत है. यहां के ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण किया जाना है. उन्होंने कहा कि मसूरी के ऐतिहासिक धरोहरों को बचाना जरूरी है. अगर यह धरोहर खत्म हो जाएगी तो इतिहास नहीं बचेगा.
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सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश की सड़कों को सुधारने के लिए सरकार की ओर से एप जारी कर दिया गया है. प्रदेश की जनता अपने आस पास के क्षेत्र के गड्ढे और खराब सड़कों की फोटो भेज सकते हैं. जिसको 7 दिनों के भीतर ठीक कर फोटो वापस शिकायतकर्ता को भेजी जाएगी. वहीं, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि देश विदेश के हजारों पर्यटक मसूरी आते हैं और यहां के खूबसूरत नजारों का आनंद लेते हैं. मसूरी के पर्यावरण को बचाने को लेकर सभी लोगों को काम करना चाहिए.