देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते काफी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौटे हैं. जिससे प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या में इजाफा हो गया है. जिसे देखते हुए सरकार ने एमएसएमई (MSME) के तहत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरूआत की है. जिसे लेकर आज उद्योग निदेशालय में वेबीनार का आयोजन किया गया. वहीं, विशेषज्ञों ने मामले पर जरूरी राय दी है.
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना. उत्तराखंड उद्योग निदेशालय के निदेशक सुधीर नौटियाल ने बताया कि इस वेबीनार को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उद्योगपतियों से किसी छोटे या बड़े बिजनेस को चलाने की प्रक्रिया को समझना है. वेबीनार में देश के कई जाने-माने कंपनियों के प्रबंधक जुड़े. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में स्वरोजगार के नए अवसरों से जुड़ने पर अपनी राय रखी.
ये भी पढ़ेंःहल्द्वानीः मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से प्रवासी बनेंगे आत्म निर्भर
बता दें कि उत्तराखंड के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण राज्य में लौटे प्रवासी कामगारों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ये योजना शुरू की गई है. योजना के तहत राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से लाभार्थियों को ऋण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की वेबसाइट https://www.msy.uk.gov.inपर अभी तक 11,000 से ज्यादा लोग प्रदेशभर से विजिट कर चुके हैं. साथ ही 5000 लोगों ने अपना पंजीकरण भी करा लिया है.
वहीं, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है. वरिष्ठ स्तंभकार और विशेषज्ञ सुशील कुमार सिंह ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए एमएसएमई को एक बेहतरीन योजना बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार इसमें मौजूद कानूनी प्रक्रिया को कुछ कम करें तो युवा आसानी से इस महत्वपूर्ण योजना से जुड़ सकते हैं. इस योजना का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे, इसे ध्यान में रखते हुए कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाने की जरूरत है.