नई दिल्ली/देहरादून:संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद तीरथ सिंह रावत ने चमोली जिले के गौचर में विमान क्षेत्र के विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण का मुद्दा उठाया. रावत ने इस मुद्दे पर केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुये प्रस्ताव रखा कि इस क्षेत्र ने इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. यह क्षेत्र सबसे बड़े व्यापार मेलों में से एक का स्थान भी रहा है. ऐसे में यहां विमान सेवा का होना बेहद जरूरी है.
संसद में गढ़वाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुये तीरथ सिंह रावत ने कहा कि चमोली जिले के गौचर स्थान पर वर्षों से विमान क्षेत्र का विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण होना आवश्यक है. ये क्षेत्र बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित है. सैन्य सामाजिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है.
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भारत-तिब्बत संबंधों में गौचर की प्रमुख भूमिका का जिक्र करते हुये रावत ने कहा कि 1943 से गौचर उत्तराखंड में सबसे बड़े व्यापार मेलों में से जाना जाता है. गढ़वाल हिमालय के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले चमोली जिले के भोटिया, ऊन के प्रसंस्करण और रंग के अलावा, ऊनी वस्त्रों के लिए जाने जाते हैं. 1948 तक भारत और पूर्व तिब्बत के बीच अंतर-सीमा व्यापार था. इसके लिये सामारिक मेला चलता था.
मेले में भोटिया लोगों के लिये स्वदेशी कुटीर उद्योग के लिए ऊन का आयात, आय का प्रमुख स्रोत था. इसके साथ ही कीमती गहने और बर्तन बेचने के लिए भी इस क्षेत्र ने विशाल बाजार के रूप में काम किया. लेकिन 1962 के बाद चीन और भारत के बीच संघर्ष के कारण व्यापार बंद कर दिया गया था. यह मेला केवल एक स्थानीय मेला नहीं था. लोग देशभर से यहां व्यापार करने आते थे. उसके बाद आज भी कृषि औद्योगिक मेला बरसों से यहां चलता है.
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रावत ने कहा कि चमोली जिले से बदरी-केदार, फूलों की घाटी व हेमकुंड साहिब जैसे दर्शनीय स्थल जुड़े हैं. ऐसी स्थिति में यहां जल्दी ही हवाई सेवा प्रारंभ होना जरूरी है. इससे तीर्थाटन को भी काफी मजबूती मिलेगी. सैन्य बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण वहां लोगों को भी मदद मिलेगी.