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छावला गैंगरेप मर्डर केस: सांसद निशंक बोले- SC के फैसले पर सरकार ले रही है विधिक राय

छावला गैंगरेप (Chhawla gang rape case) मामले में हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक (Haridwar MP Ramesh Pokhriyal Nishank) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले पर कहा कि इस पर विधिक राय ली जा रही है. कानूनी सलाह के बाद इस प्रकरण में सरकार के माध्यम से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Nov 11, 2022, 7:41 AM IST

ऋषिकेश: छावला गैंगरेप (Chhawla gang rape case) मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक (Haridwar MP Ramesh Pokhriyal Nishank) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले पर कहा कि इस पर विधिक राय ली जा रही है. कानूनी सलाह के बाद इस प्रकरण में सरकार के माध्यम से आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने मामले में इंसाफ की बात भी कही. वहीं मामले में बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव प्रयास की बात कही थी.

पूर्व सीएम और हरिद्वार सांसद डॉ. निशंक यहां नगर निगम में आयोजित शताब्दी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान वो मीडिया से भी रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप और हत्याकांड के मामले में तीनों आरोपियों को बरी किया है. लिहाजा, अब इस मामले में राज्य के माध्यम से विधिक राय ली जा रही है. प्रदेश सरकार के जरिए मामले में अग्रिम कार्रवाई की तैयारी भी है. वहीं, इस मामले में बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने राज्य की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव प्रयास की बात कही. प्रदेश के लोगों ने दिल्ली हाईकोर्ट से फांसी की सजा पाने वाले आरोपियों के सुप्रीम कोर्ट से बरी होने पर निराशा जताई थी.
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला: गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में अपना फैसला सोमवार को सुनाया. शीर्ष अदालत ने तीनों आरोपी रवि, राहुल और विनोद को बरी कर दिया है. अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट और निचली अदालत के उस फैसले को भी पलट दिया जिसमें दोषियों के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी. साल 2012 में दिल्ली में उत्तराखंड की 19 वर्षीय लड़की के साथ आरोपियों पर दरिंदगी की सारी हदें पार कर उसकी हत्या करने का आरोप था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
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'अनामिका' के साथ उस रात क्या हुआ था: निर्भया की ही तरह इस मासूम का नाम भी बदलकर अनामिका रखा गया था. वह मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली थी. दिल्ली में छावला इलाके में रहती थी. रोजाना की तरह 14 फरवरी 2012 को भी 'निर्भया' अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. बहुत खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं.

पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो दो दिन बाद यानी 16 फरवरी को लड़की का शव हरियाणा में गन्ने के एक खेत में मिला था. उसके साथ जो क्रूरता की गई थी वो दिल्ली की निर्भया से भी भयावह थी. परिजनों की मानें तो उत्तराखंड की निर्भया को आरोपियों ने किसी जानवर की तरह नोंचा था. उसे न सिर्फ मारा पीटा गया था, बल्कि दो दिनों तक लगातार उसके साथ गैंगरेप हुआ था. यही नहीं, उसकी आंखों में तेजाब डाल दिया गया था, उसके नाजुक अंगों से शराब की बोतल मिली थी. पानी गरम करके उसके शरीर को झुलसा दिया गया था.

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