देहरादून: कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व में उत्तराखंड से सांसद रहे कैप्टन सतीश शर्मा का बुधवार को गोवा में निधन हो गया. जिसके बाद से कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर है. शर्मा कैंसर से पीड़ित थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे. 73 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. कैप्टन सतीश शर्मा का उत्तराखंड से गहरा लगाव रहा है और उनका उत्तराखंड कांग्रेस और राष्ट्रीय कांग्रेस में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
कैप्टन सतीश शर्मा का प्रारंभिक जीवन
- कैप्टन सतीश शर्मा का जन्म 11 अक्टूबर, 1947 को आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में हुआ था.
- उनकी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद से हुई है.
- स्कूल के बाद उन्होंने पायलट की ट्रेनिंग भी ली थी.
- कैप्टन सतीश शर्मा एक पेशेवर वाणिज्यिक पायलट थे.
सतीश शर्मा के निधन से पार्टी में शोक कैप्टन सतीश शर्मा का राजनीतिक जीवन
- तीन बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे.
- उन्होंने लोकसभा में रायबरेली और अमेठी का प्रतिनिधित्व किया.
- कैप्टन सतीश शर्मा देश के अलग-अलग राज्यों से तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं.
- राज्यसभा में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का संसद में प्रतिनिधित्व किया.
- कैप्टन सतीश शर्मा पहली बार जून 1986 में राज्यसभा के सदस्य बने.
- सतीश वर्मा का केवल उत्तराखंड कांग्रेस में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय कांग्रेस में भी अहम योगदान रहा है.
- वह गांधी परिवार के काफी नजदीक थी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काफी करीबी माने जाते थे. सतीश उनका पूरा कामकाज देखते थे.
- राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने उन्हें अमेठी से टिकट दिया था, जहां से वह सांसद चुने गए थे.
- वह रायबरेली से भी सांसद चुने गए थे.
- साल 1993 से 1996 के बीच उन्होंने बतौर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री का पदभार संभाला था.
- बाद में वह जुलाई 2004 से 2016 तक राज्यसभा के सदस्य रहे.
उत्तराखंड कांग्रेस में शोक
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि सतीश शर्मा का केवल उत्तराखंड कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय कांग्रेस में भी अहम योगदान था. वह गांधी परिवार के काफी नजदीकी थे और राजीव गांधी का पूरा कामकाज वही देखते थे. इसके अलावा उत्तराखंड से उनका गहरा लगाव रहा है.