देहरादून : पतंजलि रिसर्च इन्स्टीट्यूट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित करने के लिए ट्राइबल रिसर्च इन्स्टीट्यूट उत्तराखंड और पतंजलि रिसर्च इन्स्टीट्यूट के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में सीएम आवास में सम्पादित एमओयू पर निदेशक जनजाति कल्याण उत्तराखंड सुरेश जोशी और पतंजलि की ओर से आचार्य बालकृष्ण ने हस्ताक्षर किए.
यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के जनजाति मामलों के मंत्रालय के सहयोग से चलाया जाएगा. इसके अंतर्गत मुख्यतः उत्तराखंड के जनजाति क्षेत्रों में पाए जाने वाले औषधीय पौधों और वहां प्रचलित परंपरागत इलाज पद्धतियों पर शोध कर उनका डाक्यूमेंटेशन किया जाएगा. अभी यह कार्य पायलट आधार पर शुरू किया जा रहा है.
भारत सरकार ने इसके लिए 3 करोड़ 12 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है. बाद में प्रोजेक्ट का विस्तार अन्य राज्यों में भी किया जाएगा. जिसमें नोडल एजेंसी ट्राइबल रिसर्च इन्स्टीट्यूट उत्तराखंड ही रहेगा.