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Mother's Day: अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मां का फर्ज भी बखूबी निभातीं हैं ये पुलिस अधिकारी - उत्तराखंड पुलिस विभाग

ईटीवी भारत मदर्स डे पर आपकों उन माओं से रूबरू करवाने जा रहा है. जो परिवार से साथ-साथ पुलिस महकमे में मिले दायित्व का भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निर्वहन कर रही हैं.

मदर्स डे स्पेशल

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Published : May 12, 2019, 7:25 AM IST

Updated : May 12, 2019, 10:19 AM IST

देहरादून: देहरादून: वैसे तो इस दुनिया में हर रिश्ते का अपना महत्व और अपनी अलग अहमियत है. लेकिन समाज ने जिसे भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया है, वह मां ही है. मां की ममता किसी दिन की मोहताज नहीं है. लेकिन ईटीवी भारत मदर्स डे पर आपको उन माओं से रूबरू करवाने जा रहा है. जो परिवार से साथ-साथ पुलिस महकमे में मिले दायित्व का भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निर्वहन कर रही हैं. आइए जानते हैं वे कौन-कौन महिला पुलिस अधिकारी है.

अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मां का फर्ज भी बखूबी निभातीं हैं ये पुलिस अधिकारी.

देहरादून में एसपी सिटी के पद पर तैनात श्वेता चौबे अपनी ड्यूटी के साथ-साथ अपने परिवार को भी पूरा समय देती है. उनकी एक 12 साल की बेटी मान्या और 6 साल की बेटा अद्धवित है. एसपी सिटी श्वेता चौबे का जन्म मध्य प्रदेश के रायपुर में हुआ और उनकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में पूरी हुई. साल 2002 बैच की अधिकारी श्वेता चौबे ने हरिद्वार में सर्किल ऑफिसर रहने के साथ-साथ एडिशनल एसपी मानव अधिकार, एसपी सिटी नैनीताल, एसपी अर्धकुंभ हरिद्वार, एसपी देहात और देहरादून जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी है. श्वेता चौबे उन चुनिंदा महिला पुलिस अधिकारियों में शुमार है. जो अपनी ड्यूटी से साथ-साथ एक मां होने का फर्ज भी बखूबी निभा रही है.

एसपी सिटी श्वेता चौबे मानती हैं कि पुलिस और परिवार एक दोहरी जिम्मेदारी है. जिसमें तालमेल बनना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. ऐसे में परिवार के छोटे -बड़े लोगों से जिस तरह का सहयोग मिलता है. उसके चलते वह पुलिस ड्यूटी के साथ-साथ परिवार को भी समय दे पाती है. श्वेता बताती हैं कि पति भी पुलिस अधिकारी है. ऐसे में वो बच्चों और परिवार को बैलेंस बनाने में उनका भरपूर सहयोग करते है. एसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि पुलिस ड्यूटी के दौरान जो भी समय उनको मिलता है. वह क्वालिटी टाइम वो अपने बच्चों से साथ बिताना पसंद करती है.

मदर्स डे क्या है श्वेता का संदेश
मदर्स डे के दिन देहरादून एसपी सिटी श्वेता चौबे संदेश देते कहती हैं कि बच्चे माता-पिता के धुरी होते हैं. ऐसे में उनको एक बेहतर शिक्षा देने के साथ अच्छी ग्रूमिंग देना भी जरूरी है. क्योंकि ऐसा कहा जाता है बच्चे मां-बाप का भविष्य होते हैं. ऐसे में बच्चों के जो भी समय आप बिताए वह क्वालिटी टाइम हो. आपका अनुभव ही आपके बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करत है.

ईटीवी भारत आपको एक ओर महिला पुलिस अधिकारी जया बलूनी से रूबरू करवाने जा रहा है. जो महकमे में अपनी जिम्मेदारियों से साथ-साथ मां का फर्ज भी बखूबी निभा रही है. उत्तराखंड के उत्तराखंड श्रीनगर में जन्मी जया बलूनी ने सहारनपुर, मुरादाबाद, टिहरी और देहरादून के एमकेपी कॉलेज से पढ़ाई की है. ग्रेजुएशन के बाद साल 2011 बैच पासआउट होकर जया बलूनी पुलिस अधिकारी बनी. जया उत्तराखंड के अनुशासित और समझदार पुलिस ऑफिसर्स में शुमार है.

सीओ देहरादून जया बलूनी के दो बच्चे हैं. बेटा सव्यराची जो 9 साल का है और कक्षा चार में पढ़ता है और उनकी 4 साल की बेटी सान्वी जो KG में पढ़ती है. राजधानी देहरादून में पुलिस की 24 घंटे की नौकरी से मिले समय को जया अपने बच्चों के साथ बीतना पसंद करती है.

मां को घर में देख कर खुश होते हैं बच्चे

सीओ जया बलूनी ने बच्चों ने मदर्स डे पर अपनी मां के लिए पहले ही तैयारियां कर रखी है. दोनों बच्चों ने उनके लिए अपने हाथों से ग्रीटिंग बनाया है. साथ ही अपने मां से मदर्स डे पर बाहर घूमाने ले जाने की डिमांड भी की है. ईटीवी भारत से बातचीत में जया बताती है कि पुलिस की जॉब टफ होने के बावजूद कई बार अपनी प्राथमिकता तय करनी होती है. ऐसे में जब कभी भी समय मिलता है तो वह बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना पसंद करती हैं. उन्हें अपने बच्चों के साथ खेलना और उन्हें कहानियां सुनना पसंद है. जया बलूनी बताती है कि कई बार ऐसा भी समय आता है जब वह ड्यूटी की व्यस्तता के कारण बच्चों से काफी दिन तक मुलाकात नहीं हो पाती. ऐसे में परिवार के अन्य सदस्यों से उन्हें भरपूर सहयोग मिलता है. लेकिन जब वह घर लौटती हैं तो बच्चों की एक ही डिमांड होती है कि मैं उनके साथ समय बिताऊं और उन्हें कहीं घूमाने लेकर जाऊं.

मदर्स डे पर जया बलूनी अपनी ओर से लोगों को संदेश देते हुए कहती है कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोग बच्चों को समय नहीं दे पाते. ऐसे में बच्चे कहीं न कहीं मां-बाप को अपने साथ न पाकर उदास हो जाते हैं. इसलिए जितना हो सके अपने काम के समय निकालकर बच्चों के साथ समय बिताएं और उन्हें प्यार व दुलार दें. ताकि, उनकी बॉन्डिंग आपके साथ बनी रहे और वह एक अच्छे इंसान बन सके.

Last Updated : May 12, 2019, 10:19 AM IST

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