देहरादूनःदुनियाभर में कोरोना वायरस ने जमकर कहर बरपाया. इससे बचाव को लेकर वैक्सीन का इजाद किया गया. शुरुआती दौर में वैक्सीन लगवाने के लिए काफी भीड़ उमड़ी. वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पर लंबी-लंबी कतारें लगीं. सभी लोगों को बढ़चढ़ कोविड की पहली और दूसरी डोज लगवाई, लेकिन कोरोना वैक्सीन के तीसरे डोज (बूस्टर डोज) लगवाने के लिए लोगों में कोई रुचि दिखाई नहीं दे रही है.
दरअसल, बीते दो साल पहले तक लोग कोरोना वायरस (COVID 19) के खौफ में जी रहे थे. इसलिए अपनी ड्यू डेट से पहले ही लोगों ने कोविड वैक्सीन भी लगवाई, लेकिन अब आलम ये है कि उत्तराखंड में कोरोना के बूस्टर डोज के 70 हजार से ज्यादा खुराक एक्सपायर होने के कगार पर हैं. क्योंकि, प्रदेशभर में करीब 25 प्रतिशत लोगों ने भी बूस्टर डोज लगवाने में रुचि नहीं दिखाई है. अभी तक करीब 21 लाख 77 हजार लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाया है, वहीं अभी भी करीब 55 लाख से ज्यादा लोगों को बूस्टर डोज लगना बाकी है.
वर्तमान स्थिति ये है कि प्रदेश भर में रोजाना करीब 2000 के लोग ही बूस्टर डोज लगवा रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि कोविड वैक्सीनेशन (Covid Vaccination in Uttarakhand) को लेकर शुरुआत में जो क्रेज था, वो अब खत्म हो चुका है. फ्री में बूस्टर डोज लगने के बावजूद लोग खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. जिसकी तस्दीक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े दे रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो प्रदेश में कोवैक्सीन से लेकर कोविशील्ड और बूस्टर डोज पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन लोग वैक्सीन लगवाने ही नहीं पहुंच रहे हैं.
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स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में इस समय कोवैक्सीन (COVAXIN Vaccine) की करीब 27 हजार डोज, कोविशील्ड (Covishield Vaccine) की करीब 47 हजार डोज मौजूद हैं. इसके साथ ही कोरोना के बूस्टर की करीब 70 हजार डोज उपलब्ध हैं. इतना ही नहीं ये सभी वैक्सीन दिसंबर महीने में एक्सपायर होने वाली है. दरअसल, कोरोना वैक्सीन की लाइफ मात्र 6 महीने की ही होती है.