देहरादून:देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम (Uttarakhand Chardham) के कपाट आगामी 6 महीने यानी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. हालांकि, इस यात्रा सीजन चारधाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ (Uttarakhand Chardham Income) दिए हैं और कुल 46,81,131 की संख्या में पहुंचकर यात्रियों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. जबकि साल 2019 में 32,40,882 श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए थे.
चारधाम यात्रा को बहुत पवित्र माना जाता है और हिन्दुओं में चारों धामों की यात्रा करना काफी महत्व है. माना जाता है कि इन चारधामों की यात्रा करने मात्र से श्रद्धालुओं के समस्त पाप धुल जाते हैं और आत्मा को जीवन-मृत्यु के इस बंधन से मुक्ति मिल जाती है. प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुना नदी के उद्गम स्थल को यमुनोत्री स्थित है और इन दोनों धामों के कपाट 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन खुले थे. कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा भी शुरू हो गई थी. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा का पवित्र धाम केदारनाथ स्थित है, जिनके कपाट 6 मई को खुले थे. इसके साथ ही उत्तराखंड के चमोली जिले में भगवान बदरी विशाल का पवित्र धाम है, जिनके कपाट 8 मई को खोले गए थे.
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यमुनोत्री धाम- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित पवित्र यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 3 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 27 अक्टूबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. पौराणिक वहीं मां यमुना जी की देवडोली का शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुनोत्री मंदिर का निर्माण, यमुना नदी के उद्गम स्थल के पास 19वी शताब्दी में किया गया था, जहां देवी यमुना की पूजा की जाती है. हालांकि इस यात्रा सीजन मे यमुनोत्री धाम के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 4,85,688 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए.
गंगोत्री धाम-उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 3 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 26 अक्टूबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के बंद हो गए थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पतित पावनी मां गंगा की डोली, गंगोत्री का मायके कहे जाने वाले मुखबा गांव में शीतकाल के लिए प्रवास करेंगी. हालांकि, इस यात्रा सीजन में गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 6,24,516 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये.
केदारनाथ धाम- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित धाम बाबा केदारनाथ (Kedarnath Dham) के कपाट 6 मई को खोले गए थे और 6 महीने के बाद 27 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट परंपरानुसार भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्व विख्यात देवों के देव महादेव की देवडोली शीतकाल के दौरान उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में प्रवास करेगी. हालांकि, इस यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 15,63,278 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे.
बदरीनाथ धाम- उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान बदरी विशाल (Badrinath Dham) का पवित्र धाम है, जिसके कपाट 8 मई को खोले गए थे. जिसके बाद 6 महीने के बाद 19 नवम्बर को भगवान बदरी विशाल के कपाट विजयदशमी के पावन पर्व पर शीतकाल के लिए बंद किए गए है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भू-बैकुंठ कहे जाने वाले श्री हरि विष्णु जी की देवडोली शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर में प्रवास करेगी. हालांकि इस यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इस बार कुल 17,60,449 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे.
स्वास्थ्य कारणों से 281 यात्रियों की हुई मौत:उत्तराखंड की चारधाम यात्रा बेहतर ढंग से तो सम्पन्न हो गयी है, लेकिन चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कमी जरूर देखने को मिली, क्योकि इस यात्रा सीजन में करीब 281 श्रद्धालुओं की हार्टअटैक समेत कई अन्य कारणों से मौत हुई है. इस यात्रा सीजन में साढ़े 15 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे जिसमे से 150 श्रद्धालुओं की मौत हुई. वहीं, यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये 48 यात्रियों, गंगोत्री धाम के दर्शन करने आये 17 श्रद्धालुओं के साथ ही बदरीनाथ के दर्शन करने आए 66 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. जबकि साल 2019 में चार धाम यात्रा के दौरान मात्रा 91 लोगों की मौत हुई थी.
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