देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के आधे से ज्यादा अपने मंत्रियों को चुनावी मैदानी में उतार दिया है. दिल्ली के ज्यादातर मंत्री उत्तराखंड में अपनी जीत का दम भर रहे हैं. लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. देखा जा रहा है कि पिछले दो महीने में आम आदमी पार्टी के 20 से अधिक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पार्टी का दामन छोड़ा है.
पिछले दो महीने में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता से लेकर पार्टी उपाध्यक्षों ने उपेक्षित होकर पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है. इसमें प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट, रविंद्र जुगरान व कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अनंत कुमार, पूर्व आईएएस सुवर्धन शाह जैसे बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि चुनाव शुरू होते ही टिकट बंटवारे पर आम आदमी पार्टी पर उनके ही नेताओं ने पहाड़ विरोधी होने का आरोप लगाया.
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वहीं, लगातार पार्टी छोड़ रहे नेताओं के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने कहा कि कई लोग यह सोच रहे थे कि पार्टी में आएंगे और तुरंत टिकट मिल जाएगा. लेकिन पार्टी ने जनाधार वाले नेताओं को ही टिकट दिया है. साथ ही पहाड़ विरोधी आरोप गलत हैं. दूसरी तरफ भाजपा ने तंज कसा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल का कहना है कि झूठ के दिन ज्यादा नहीं चलते.
इन्होंने छोड़ी पार्टीःवरिष्ठ नेता रविंद्र जुगरान, प्रदेश उपाध्यक्ष मेजर जनरल चंद्र किशोर जखमोला, प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कपरूवाण, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पूर्व IPS अनंत राम चौहान, पूर्व IPS सुबर्धन शाह, प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट, प्रदेश प्रवक्ता राकेश काला, प्रदेश प्रवक्ता आशुतोष नेगी, प्रदेश प्रवक्ता अवतार राणा, प्रदेश सचिव जितेंद्र मलिक, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अतुल जोशी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संजय पोखरियाल आदि