देहरादून: पर्यावरणीय रूप से मॉनसून का अपना एक महत्व है, लेकिन उत्तराखंड के लिए यह सीजन किसी खतरे की आहट से कम नहीं. प्रदेश में हजारों जिंदगियां अब तक मॉनसून में तबाह हो चुकी है. दरकते पहाड़ और उफनती नदियों की तस्वीरें मॉनसून का नाम आते ही लोगों के जेहन में आने लगती हैं. उसी खतरे का संकेत लेकर एक बार फिर मॉनसून उत्तराखंड में दस्तक देने जा रहा है. इस दफा सबसे बड़ी चुनौती चारधाम यात्रा में ऐतिहासिक रूप से श्रद्धालुओं की संख्या होगी. पेश है मॉनसून सीजन को लेकर ईटीवी भारत की रिपोर्ट.
देर से पहुंचेगा मॉनसून: उत्तराखंड में मॉनसून इस बार देरी से पहुंचेगा. हालांकि, संभव है कि मॉनसून की वापसी भी देरी से ही हो, लेकिन मौजूदा भविष्यवाणी के अनुसार इस बार मॉनसून सीजन में बरसात सामान्य ही रहेगी. वैसे तो मॉनसून सीजन को लेकर प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन समेत सरकार का पूरा तंत्र सक्रिय ही रहता है, लेकिन इस साल चारधाम यात्रा में उमड़ते श्रद्धालुओं की भारी संख्या किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं.
आपदा में सैकड़ों की गई जान: ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में मॉनसून सीजन के दौरान आपदा की घटनाएं भारी जान माल का नुकसान करती हैं. आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि इस सीजन में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. इसके पीछे बरसात के कारण पहाड़ों का दरकना भी है. वहीं, इस सीजन में बादल फटने की घटनाओं का बढ़ना भी. सबसे पहले जानिए कि मॉनसून सीजन के दौरान जनहानि के आंकड़े क्या कहते हैं.
ये भी पढ़ें:केदारनाथ यात्रा में 175 घोड़ा-खच्चरों ने गंवाई जान, मालिकों ने कमाए 56 करोड़
27 जून के बाद मॉनसून की दस्तक: उत्तराखंड में सामान्य रूप से मॉनसून 20 जून तक पहुंच जाता है और 30 सितंबर तक मॉनसून वापसी करने लगता है. लेकिन इस बार राज्य में मॉनसून देरी से पहुंचने जा रहा है. मॉनसून को लेकर मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं कि इस बार 26 जून तक मौसम साफ रहने की उम्मीद है. लिहाजा, 27 जून और इसके कुछ दिनों बाद तक मॉनसून उत्तराखंड में पहुंच जाएगा.
हर साल बदलता मॉनसून का ट्रेंड: मौसम विभाग की भविष्यवाणी मानें तो इस बार करीब एक से दो हफ्ता देरी से मॉनसून के पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, पिछले कुछ सालों में मॉनसून के देरी से पहुंचने को रिकॉर्ड किया जाता रहा है, लेकिन देखा गया है कि मॉनसून कई बार देरी से आने के साथ उसकी वापसी भी देरी से ही होती है. उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों के दौरान मॉनसून की दस्तक और उसके वापस जाने को लेकर क्या रही स्थिति जानिए.