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मतदान से पहले ईवीएम और वीवीपैट का होगा मॉक पोल - लोकसभा सीट

मतदान से पहले बूथ पर तमाम व्यवस्थाओं को जायजा लिया जाएगा. इसके साथ ही ईवीएम-वीवीपैट का मॉक पोल भी किया जाएगा. प्रदेश में मतदान के लिए कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और सभी बूथों पर मतदान से पहले ईवीएम-वीवीपैट का मॉक पोल किया जाएगा.

ईवीएम और वीवीपैट का होगा मॉक पोल.

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Published : Apr 10, 2019, 9:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होना है. प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटों पर कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. साथ ही प्रदेश में कुल 77 लाख 65 हजार 423 सामान्य मतदाता हैं, जो लोकसभा चुनाव के मतदान में भाग लेंगे. इन सब के चलते ईवीएम और वीवीपैट का मॉक पोल किया जाएगा, जिससे चुनावी तैयारियों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा.

प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान किया जाएगा. हालांकि, मतदान से पहले बूथ पर तमाम व्यवस्थाओं को जायजा लिया जाएगा. इसके साथ ही ईवीएम-वीवीपैट का मॉक पोल भी किया जाएगा. प्रदेश में मतदान के लिए कुल 11229 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और सभी बूथों पर मतदान से पहले ईवीएम-वीवीपैट का मॉक पोल किया जाएगा. इसके लिए पोलिंग बूथ के पीठासीन अधिकारी, पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधियों के सामने वीवीपैट का सील तोड़ा जाएगा.

ईवीएम और वीवीपैट का होगा मॉक पोल

ईवीएम-वीवीपैट का मॉक पोल करने का मकसद यह है कि निष्पक्ष और सुचारू रूप से मतदान संपन्न कराया जा सके. इसके साथ ही पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधियों को दिखाया जाता है कि ईवीएम-वीवीपैट में जिस प्रत्याशी को वोट डाला जाएगा, उस प्रत्याशी को ही वोट जाएगा. वोट देकर मॉक पोल करने के बाद वीवीपैट के पर्ची को निकालकर कंट्रोल यूनिट से मिलान किया जाता है. उसके बाद मॉक पोल की जानकारी और वीवीपैट की पर्ची को मिलाने के बाद सील करके पीठासीन अधिकारी और मौजूद पॉलिटिकल पार्टियों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर कराए जाएंगे.

प्रदेश के सभी बूथों पर मॉक पोल करने के बाद फिर ईवीएम और वीवीपैट की सारे डाटा को डिलीट किया जाएगा. फिर सामान्य मतदान प्रक्रिया शुरू की जाती है, हालांकि सभी पोलिंग बूथों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मेतदान किया जाएगा.

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