उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

विश्व पुस्तक दिवस: किताबों से दूर होता बचपन - बच्चों में पढ़ने की आदत

किताबें लोगों की सच्ची दोस्त होती हैं और किताबों से अर्जित ज्ञान भविष्य में आगे की राह आसान करता हैं. वर्तमान समय में बच्चों और साहित्य के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं.

Book day
विश्व पुस्तक दिवस

By

Published : Apr 23, 2020, 9:59 AM IST

Updated : Apr 23, 2020, 10:47 AM IST

देहरादून: किताबों का अपना अलग संसार होता है. जिसमें ज्ञानार्जन के लिए कई चीजें होती है. अच्छी किताबें व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास और उसके सुनहरे भविष्य निर्माण में सहायक होती है. लेकिन कुछ दशकों पहले तक हाथों में किताब थामे दिखाई देने वाले बच्चों में पढ़ने की रुचि कम होती जा रही है. जो चिंता का विषय बनता जा रहा है.

कुछ दशकों पहले तक बच्चों के हाथ में किताबें अकसर देखने को मिल जाती थी. अब उनके हाथों में मोबाइल या टीवी रिमोट दिखता है. आधुनिकता की दौड़ में बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत कम होती जा रहा है. आज के समय में बच्चे किताबों से कम टीवी, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से ज्यादा चिपके रहते हैं.

कहा जाता है किताबें लोगों की सच्ची दोस्त होती हैं और किताबों से अर्जित ज्ञान भविष्य में आगे की राह आसान करता हैं. लेकिन वर्तमान समय में बच्चों और साहित्य के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. बच्चे स्कूल की किताबों के साथ और कुछ पढ़ना पसंद कम करने लगे हैं. जो चिंता का विषय बनता जा रहा है.

पढ़ें-पृथ्वी दिवस: उत्तराखंड में लॉकडाउन बना जंगलों के लिए 'संजीवनी'

प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को पुस्तक दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन के द्वारा पढ़ने प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक साल 23 अप्रैल की निर्धारित तिथि को विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन किया जाता है.

विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि यह कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगांठ थी. किताबों और लेखकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से इस तारीख की घोषणा की गई.

Last Updated : Apr 23, 2020, 10:47 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details