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क्या वफादारी पड़ी विधायक हरीश धामी पर भारी, आखिर क्यों हुए बागी?

आशंका जताई जा रही है कि हरीश धामी जल्द ही कांग्रेस संगठन से भी इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर जमकर हल्ला बोला है.

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हरीश धामी

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Published : Jan 25, 2020, 7:12 PM IST

Updated : Jan 25, 2020, 7:58 PM IST

देहरादून:धारचूला से कांग्रेस के दबंग विधायक हरीश धामी ने शनिवार को कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा होते ही प्रदेश सचिव पद की जिम्मेदारी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. धामी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ निर्दलीय के तौर पर दम भरने की भी बात कही है.

धामी के इस ऐलान के तुरंत बाद ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बात की. इस दौरान कांग्रेस विधायक ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर जमकर हल्ला बोला. दरअसल, शनिवार को ही कांग्रेस ने अपनी कार्यकारिणी घोषित की है, जिसमें हरीश धामी को प्रदेश सचिव बनाया गया था.

हरीश धामी ने कांग्रेस प्रदेश सचिव पद से दिया इस्तीफा

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हरीश धामी की मानें तो एकमात्र विधायक वही हैं जिनको सचिव बनाया गया है, जबकि बाकी पूर्व विधायक और वर्तमान विधायकों को दूसरी जिम्मेदारियां दी गई हैं. इसके अलावा उनका कहना है कि उत्तराखंड प्रदेश कार्यकारिणी की जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें उनका नंबर 96 वां थी.

धामी ने कहा कि विधानसभा में भी उनको हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश की गई है. ऐसे हालात में वह प्रदेश सचिव पद से सोमवार को इस्तीफा दे देंगे. पार्टी छोड़ने के सवाल पर धामी ने कहा कि वे अपने क्षेत्र की जनता और शुभचिंतकों से मिलकर जल्द ही पार्टी छोड़ने का भी फैसला लेगे.

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हरीश धामी का कहना है कि वो राजनीतिक रूप से पूर्व सीएम हरीश रावत को अपना गुरू मानते हैं, लेकिन इस बार वह उनकी भी नहीं सुनेंगे. उन्होंने इंदिरा हृदयेश को नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने को लेकर भी विरोध किया था. उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह के चारों तरफ रहने वाले नेता उनको भ्रमित कर रहे हैं.

वहीं, हरीश धामी ने कहा कि उन्होंने अपने मन की बात प्रदेश कमेटी के सामने रखी थी, जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने उन्हें नसीहत दी थी कि ज्यादा वफादारी भारी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि वह ना पार्टी आलाकमान की बात कर सकते हैं और ना ही हरीश रावत की. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की बात सच साबित हुए है. यही कारण है कि वरिष्ठ होने के बावजूद उन्हें विधायक कमेटी में कोई जगह नहीं मिली. वहीं, नई कार्यकारिणी में उन्हें सामान्य कार्यकर्ता से भी निचली पायदान पर रखा गया है.

Last Updated : Jan 25, 2020, 7:58 PM IST

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