देहरादून: देश इस वक्त कोरोना वायरस से महाजंग लड़ रहा है. उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में अचानक हुई वृद्धि सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. राज्य सरकार प्रदेश की जनता को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने को लेकर तमाम बड़े कदम उठा रही है. इसी क्रम में कैबिनेट मीटिंग में राज्य की जनता को जागरुक करने का निर्णय लिया गया है.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर आमजन को कोरोना वायरस के प्रति जागरुक करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही विधायक खुद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जनता से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएंगे.
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इसके साथ ही उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने असहाय और गरीबों के लिए राशन उपलब्ध कराने वाले संस्थाओं से जिला प्रशासन द्वारा राशन उपलब्ध कराने को कहा है. क्योंकि कई गरीब और असहाय राशन बांटने के दौरान बच जाते हैं, जिन्हें राशन नहीं मिल पाता है. ऐसे में सामाजिक संस्थाएं जिला प्रशासन के जरिए या खुद भी जाकर गरीबों और जरूरतमंदों के बीच राशन बांट सकते हैं.
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विधायक-मंत्रियों के फंड में कटौती
राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी विधायकों के विधायक निधि से 1-1 करोड़ रुपए कोविड-19 फंड में जमा कराएगी. उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड के सभी विधायकों और मंत्रियों के वेतन में 30% कटौती करने का निर्णय लिया है. वेतन में कटौती भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही किया जाएगा.
सभी नागरिकों को उपलब्ध कराया जाएगा राशन
त्रिवेंद्र सरकार ने खाद्यान सुरक्षा योजना के तहत सभी नागरिकों को प्रर्याप्त राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. अंत्योदय योजना के तहत 3 माह के लिए 35 किलो गेहूं और चावल उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही खाद्यान सुरक्षा योजना सफेद कार्ड धारक को प्रति यूनिट 5 किलो चावल और दाल फ्री में उपलब्ध कराया जाएगा. इन दोनों कार्ड से अलग 40 लाख यूनिट वाले 10 लाख राशन कार्डधारकों को अब 7.5 किलो राशन की जगह 15 किलो राशन तीन माह के लिए दिए जाएंगे. उत्तराखंड में जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें सरकार की तरफ से राशन किट दिया जाएगा.