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उत्तराखंड में भारत बंद का मिलाजुला असर, मैदान में सफल तो पहाड़ में बेअसर

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में आज 10 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है. भारत बंद का उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी जिलों में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. इस दौरान किसान संगठनों और विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद का समर्थन किया. मैदानी जिलों में बंद सफल है तो पहाड़ी जिलों में इसका असर नहीं है.

Samyukt Kisan Morcha
Samyukt Kisan Morcha

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Published : Sep 27, 2021, 3:54 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 5:31 PM IST

देहरादून:तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के भारत बंद के समर्थन में विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने देहरादून में प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया. हालांकि देहरादून में बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला. विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने गांधी पार्क में प्रदर्शन किया. भारत बंद के समर्थन में सीटू, एटक, इंटक, एक्टू से जुड़ी यूनियनों और भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट ने भाग लिया. साथ ही विभिन्न यूनियनों से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क से घंटाघर तक पैदल मार्च निकालते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की.

घंटाघर पहुंचकर तमाम प्रदर्शनकारी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समीप एकत्रित हुए. वहां एक सभा का आयोजन किया. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए सरकार को किसान और श्रमिक विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि आज तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और मजदूरों के समर्थन में यह प्रदर्शन किया गया.

उत्तराखंड में दिखा भारत बंद का मिलाजुला असर

उन्होंने कहा कि देशभर के किसान आज कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार लगातार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई है, जिसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.

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प्रदर्शन में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के प्रदेश अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा ने कहा कि आज प्रदेश के सभी क्षेत्रों में किसान 3 काले कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं लेकिन कुछ लोग सरकार के साथ मिलकर किसानों का मजाक बना रहे हैं. उन्हें आने वाले समय में पता चलेगा कि आटे-दाल के क्या भाव होने जा रहे हैं ?

मसूरी: भारत बंद के समर्थन में मसूरी में भी ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने शहीद भगत सिंह चौक पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. इस संबंध में एटक के अध्यक्ष आरपी बडोनी ने कहा कि किसानों के भारत बंद को एटक ने समर्थन दिया है, जिसके तहत यहां पर भी किसानों के समर्थन व केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि एटक किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है ताकि केंद्र सरकार के कानों तक किसानों की आवाज पहुंचे और केंद्र सरकार तीनों काले कृषि कानून वापस ले. उन्होंने कहा कि देश का किसान काले कानून से परेशान हैं, लेकिन केंद्र सरकार सुनने को तैयार नहीं है.

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इस मौके पर भाकपा के सचिव देवी गोदियाल ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार मजदूर व किसान विरोधी सरकार है. उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान परेशान है. देश में श्रमिकों के विरोध में कानून ला रही है.

अल्मोड़ा: तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के भारत बंद पर आज अल्मोड़ा में कोई असर नहीं देखने को मिला. बाजार व सभी निजी प्रतिष्ठान रोज की तरह खुले हैं, लेकिन भारत बंद को विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक दलों ने अपना समर्थन दिया. यहां कांग्रेस, यूकेडी और उपपा समेत विभिन्न राजनैतिक दलों ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर किसानों का समर्थन किया.

अल्मोड़ा के गांधी पार्क में कांग्रेस ने किसानों को अपना समर्थन देते हुए धरना दिया और तीनों कृषि कानूनों को शीघ्र वापस लेने की मांग की. वहीं, यूकेडी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, उत्तराखंड लोक वाहिनी समेत विभिन्न क्षेत्रीय दलों ने मिलकर प्रदर्शन किया. इस दौरान इन्होंने जनगीत गाकर भी किसानों को अपना समर्थन दिया.

वहीं, इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि सरकार जो नए कृषि कानून लेकर आई है. वह अपने पूंजीपति मित्रों के लिए लायी है. इससे आने वाले समय में व्यापक पैमाने पर देश में अन्न का संकट पैदा होगा. लोगों में भुखमरी पैदा होगी.

काशीपुर: काशीपुर में भी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न संगठनों के भारत बंद का समर्थन किया. इस दौरान भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. काशीपुर में नए ढेला पुल पर किसानों के साथ महानगर कांग्रेस ने चक्का जाम कर जमकर नारेबाजी की. वहीं पुराने ढेला पुल पर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने चक्का जाम किया. इसी के साथ साथ चीमा चौराहे पर आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने चौराहा जाम किया.

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संयुक्त किसान मोर्चा के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि भारत बंद में सभी ट्रेड यूनियन के साथ-साथ किसान, मजदूर, सभी विपक्षी राजनीतिक दलों और अन्य राजनीतिक तथा गैर राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है. किसानों के द्वारा पूरे देश में भारत बंद ऐतिहासिक बंद की तरफ जा रहा है और सरकार बैकफुट पर जा रही है.

जाम की सूचना मिलने पर जिले के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि पूरे जिलों को 2 सुपरजोन और 6 जोन के अलावा 17 सेक्टर और 37 सब्सेक्टर्स में विभाजित किया गया. उन्होंने कहा कि काशीपुर और बाजपुर क्षेत्र में जाम की स्थिति के मद्देनजर दोनों ही स्थानों पर किसानों से बात की गयी. उन्होंने कहा कि जल्द ही जाम खुलवा दिया जाएगा.

लक्सर: लक्सर में भी भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. इस दौरान उत्तराखंड किसान मोर्चा कांग्रेस के नेताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बसपा के पूर्व विधायक हाजी तस्लीम ने कहा कि सरकार ने तीन कानून बनाकर किसान की रीढ़ की हड्डी में चोट पहुंचाई है, जिसके कारण आमजन भी काफी परेशान है.

इस मौके पर उत्तराखंड किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष महकार सिंह ने कहा कि भारत बंद पर अपनी मांगों को लेकर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तीन कृषि कानून को रद्द करने, गन्ने का मूल्य ₹400 कुंटल करने, एमएसपी लागू करने और लक्सर क्षेत्र में स्कूल के समय पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

हरिद्वार: भारत बंद का असर हरिद्वार में देखने को नहीं मिला. बाजार बंद कराने के लिए किसानों ने ट्रैक्टर रैली भी निकालनी चाही लेकिन दिनारपुर गुरुद्वारे से निकली किसानों की यात्रा को पुलिस ने सराय में ही रोक लिया. प्रशासन के रोकने पर सैकड़ों की संख्या में यात्रा में शामिल हुए किसानों ने वहीं पर बैठकर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की.

ऋषिकेश: ऋषिकेश में भी भारत बंद का असर देखने को नहीं मिला. हालांकि कांग्रेस ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर शहर में व्यापारियों से अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद करने की अपील की, व्यापारियों पर कोई असर नहीं हुआ.

मौके पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि व्यापारियों ने बाजार खोलकर साबित कर दिया कि वह किसी एक राजनीतिक पार्टी के दबाव में हैं. किसानों का आंदोलन को राजनीतिक मुद्दा नहीं है. इसके लिए सभी को राजनीति की दलगत ऊपर उठकर उनका समर्थन करना चाहिए था. उन्होंने दावा किया कि वो भविष्य में भी किसानों के समर्थन में खड़े रहेंगे.

उधमसिंहनगर: रुद्रपुर में भी किसानों के भारत बंद को देखते हुए डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने एसएसपी कार्यालय में लगे सीसीटीवी कंट्रोल रूम से जिले का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने काशीपुर, बाजपुर, खटीमा में खुफिया एजेंसियों और पुलिस अधिकारियों से वीडियो कॉल कर हालात पर नजर रखने को भी कहा.

Last Updated : Sep 27, 2021, 5:31 PM IST

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