देहरादून: राजधानी देहरादून में तिब्बती समुदाय की सैकड़ों महिलाओं ने 24 साल पहले लापता हुए 11वें पंचेन लामा की 30वीं वर्षगांठ मनाई. नगर निगम से सर्वे चौक तक शांति मार्च निकाला और लोगों से शान्ति और अहिंसा के मार्ग पर चलने का आह्वान किया. इस दौरान नगर निगम के टाउनहॉल में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया.
पढ़ें- अवैध अतिक्रमण पर चला प्रशासन का डंडा, लोगों ने लगाए भेदभाव के आरोप
वहीं, तिब्बतियन वुमन्स एसोसिएशन क्लेमनटाउन की एक्स सेक्रेटरी सोनम कश्यप ने 11वें पंचेन लामा के जन्मदिवस को याद करते हुए कहा कि आज का दिन हर्ष का दिन भी है और शोक का दिन भी है. उन्होंने कहा कि वास्तव में पंचेन लामा के जन्मदिन पर उत्सव होना चाहिए मगर यह पल ये भी याद दिलाता है कि उनके लापता हो जाने को 24 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है.
11वें पंचेन लामा की मनाई 30वीं वर्षगांठ उन्होंने कहा कि अगर वह हमारे बीच होते तो आज महामहिम पंचेन लामा 30 साल के हो चुके होते. उन्होंने कहा कि दुःख इस बात का है कि जिनको हमारे बीच में आज प्रत्यक्ष रूप से होना चाहिए था, वो बीच में मौजूद नहीं है. फिर भी 11वें पंचेन लामा हमारी स्मृतियों में सदैव बसे रहेंगे. इसलिए सभी महिलाओं ने एकजुटता के साथ उनका 30वां जन्मदिन मनाया है. उन्होंने कहा कि वो सभी चाहते हैं कि परम पावन पंचेन लामा हमारे बीच आएं और अगले वर्ष उनका 31वां जन्मदिन धूमधाम से मनाएं.
गौरतलब है कि तिब्बत में पंचेन लामा को महामहिम दलाई लामा के बाद उच्चतम माना जाता है और सदियों से दलाई लामा के पुनर्जन्म चुनाव प्रक्रिया में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 11वें पंचेन लामा को 1995 में अधिकारिक मान्यता 14वें दलाई लामा ने दी और कुछ ही दिनों में उनका अपहरण हो गया. तब से लेकर आज तक तिब्बती समुदाय उनके जन्म दिवस को मनाने के साथ-साथ उन्हें याद भी करता है. इसी कड़ी में आज तिब्बती महिलाओं ने अपने 11वें पंचेन लामा का 30वां जन्मदिवस मनाया.