देहरादूनःजिले के सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में टीबी डॉट्स बीमारी का इलाज कराने के दौरान डॉक्टर द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ लगातार छेड़छाड़ व मानसिक उत्पीड़न कर ब्लैकमेल करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, शुक्रवार को पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज किए और साथ ही शनिवार को कोर्ट के समक्ष धारा 164 में बयान दर्ज किए जाएंगे. इस गंभीर प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद फरार आरोपी डॉक्टर द्वारा अन्य बालिकाओं के साथ भी चिकित्सा उपचार के दौरान छेड़छाड़ व शारीरिक उत्पीड़न के मामले भी अब सामने आ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि पूर्व के किसी भी मामले में लिखित शिकायत सामने न आने के चलते डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था. लेकिन अब 16 साल की 10वीं में पढ़ने वाली साहसी छात्रा ने अपने साथ हुए उत्पीड़न में न्याय की मांग करते हुए जल्द से जल्द आरोपी डॉक्टर को सलाखों के पीछे भेजने की गुहार लगाई है. ताकि उन लड़कियों को भी इंसाफ मिल सके जिनके साथ आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद द्वारा छेड़छाड़ और शारीरिक उत्पीड़न को अंजाम दिया गया. उधर, इस मामले में शहर कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट के मुताबिक, लगातार फरार डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर दबिश दी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पाए गए सबूतों के आधार पर निष्कासन की तैयारी जारी है.
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डॉक्टर को भेजा जाए जेलःवहीं, इस मामले में पीड़िता छात्रा के मुताबिक उन्हें दून अस्पताल प्रशासन की तरफ से सकारात्मक सहयोग मिल रहा है. अस्पताल प्रबंधन का भी मानना है कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ इस तरह के शर्मनाक करतूतों की पहले भी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं. लेकिन खुलकर किसी ने लिखित रूप में शिकायत नहीं दी. यही कारण रहा आरोपी के हौसले बुलंद होते रहे. लेकिन अब पर्याप्त सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है तो आरोपी को इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. जिसमें दून अस्पताल प्रबंधन का पूरा सहयोग है.
वहीं, इस केस की पीड़िता नाबालिग छात्रा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि इलाज के नाम पर डॉ. अयोध्या प्रसाद ने लगातार उसे शारीरिक और मानसिक रूप में प्रताड़ित करने का प्रयास किया. इससे वह डिप्रेशन में आ गई थी. इसके बाद उसने परिवार को इस बात से अवगत कराया. अब न्याय के लिए कानून से गुहार लगाई है. ताकि ऐसे डॉक्टर को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.