देहरादून:उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले ने यूं तो प्रदेश में जरूरतमंदों के अधिकारों पर डाका डालने का काम किया लेकिन इस घोटाले के खुलने से और कई जरूरतमंद छात्र योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. हालांकि, अब विभागीय मंत्री घोटाले के बाद हुई सख्ती पर कुछ नरमी करने के पक्ष में है.
छात्रवृत्ति घोटाले के बाद उत्तराखंड में छात्रों की भौतिक सत्यापन को लेकर प्रक्रिया को शुरू किया गया. नई प्रक्रिया का मकसद प्रदेश में हो रही छात्रवृत्ति घोटाले पर लगाम लगाना था, लेकिन घोटाले पर लगाम लगाने के कारण शुरू हुई भौतिक प्रक्रिया कई छात्र- छात्राओं के लिए परेशानी बन गई है. दरअसल, प्रदेश के कई छात्र-छात्राओं को भौतिक सत्यापन न होने के कारण छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल रहा है. शायद यही कारण है कि विभागीय मंत्री ने राज्य में भौतिक सत्यापन की शुरू हुई प्रक्रिया को खत्म करने की बात कही है.