देहरादून: उत्तराखंड दुग्ध विभाग की उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड,अन्य मिल्क कंपनियों को टक्कर देने के लिए कई बड़े काम कर रही है. ताकि उत्तराखंड राज्य के हर घर में आंचल के प्रोडक्ट्स की पकड़ बनाई जा सके. लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि प्रदेश के सरकारी दफ्तरों और कार्यक्रमों में दुग्ध विभाग के प्रोडक्ट्स आंचल को छोड़ अन्य ब्रांड की कंपनियों के प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड की आंचल कैसे उत्तराखंड के घर-घर में अपनी पहुंच बनाएगी. वहीं पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि सभी जिलाधिकारियों और मुख्य रूप से रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिले के जिलाधिकारियों को आंचल दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने के निर्देश दे दिए गए हैं.
सरकारी दफ्तरों और कार्यक्रमों में आंचल के प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की कवायद, विभागीय मंत्री ने दिए ये आदेश
Uttarakhand Anchal Milk Products उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादों को बढ़ावा देने की सरकार दावा करती रहती है. लेकिन हैरानी की बात है कि आंचल के प्रोडक्ट्स का प्रदेश के सरकारी दफ्तरों और विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में उपयोग तक नहीं हो रहा है. जिसके बाद पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों को आंचल के प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं.
दरअसल, कुछ दिन पहले ही आंचल डेयरी ने अन्य मिल्क कंपनियों को टक्कर देने के लिए आंचल टेट्रा पैक मिल्क, लस्सी और छाछ को मार्केट में उतारा था. इसके साथ ही आंचल डेयरी के मार्केटिंग के लिए भी कुछ कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था. हालांकि, दुग्ध विभाग के इस पहल से प्रदेश के लोगों का अपने राज्य के आंचल डेयरी के प्रति तो विश्वास बढ़ेगा ही लेकिन अगर सरकारी दफ्तरों में भी दुग्ध विभाग के आंचल के तमाम प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाए तो उसका भी एक बड़ा संदेश आम जनता के बीच जाएगा.
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प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में भी आंचल की पहुंच बढ़ाने के सवाल पर पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान सभी मंत्रियों के सामने इस विषय को रखा गया था. साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों और मुख्य रूप से रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिले के जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी सरकारी प्रोग्राम होते हैं तो उस प्रोग्राम में आंचल के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर बढ़ावा देना चाहिए. क्योंकि अगर उत्तराखंड के इस प्रोडक्ट को उत्तराखंड सरकार ही प्रोजेक्ट नहीं करेगी, जनता से भी उम्मीद नहीं की जा सकती.