₹250 करोड़ से तैयार जौलीग्रांट एयरपोर्ट नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन, कई रूट्स पर हेली सेवाएं शुरू, नई हेली नीति की घोषणा - केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे जॉलीग्रांट
जौलीग्रांट में 250 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट की फेस वन बिल्डिंग बनकर तैयार हुई है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया. ये नई टर्मिनल बिल्डिंग पुरानी बिल्डिंग से 10 गुना बड़ी है, जिसमें 1800 यात्रियों की क्षमता है. इसके साथ ही इसमें 11 चेकिंग काउंटर की जगह 36 चेकिंग काउंटर बनाये गए हैं.
Minister of Civil Aviation Jyotiraditya Scindia
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Published : Oct 8, 2021, 2:04 PM IST
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Updated : Oct 9, 2021, 2:47 PM IST
डोईवाला:केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उड़ान योजना के तहत उत्तराखंड के कई रूटों पर हेली सेवा भी शुरुआत भी की गई है. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे. पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कार्यक्रम से जुड़े रहे.
राज्य में सात नए मार्गों के लिए हेली सेवाएं शुरू:उड़ान योजना के तहत देहरादून-हल्द्वानी, पंतनगर-देहरादून और सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा के लिए हेली सेवा का फ्लैग ऑफ किया. इसी के साथ आज से राज्य में सात नए मार्गों के लिए हेलीसेवाएं शुरू हो गई हैं. इनमें पवनहंस द्वारा देहरादून-हल्द्वानी/पंतनगर-देहरादून, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून-गौचर-देहरादून और देहरादून-पिथौरागढ़-देहरादून के लिए हेली सेवा शुरू की गई हैं. जबकि हैरिटेज कंपनी की ओर से सहस्त्रधारा-चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा और सहस्त्रधारा-गौचर- सहस्त्रधारा के लिए हेली सेवा शुरू की गई हैं. उत्तराखंड राज्य के लिए एक बड़ा अचीवमेंट भी है क्योंकि धीरे-धीरे प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्र हेली सेवाओं के माध्यम से कनेक्ट होते जा रहे हैं.
जौलीग्रांट एयरपोर्ट का कायाकल्प
विभिन्न रूटों पर हेली सेवा का कितना है किराया:-
स्थान
चार्ज
देहरादून से हल्द्वानी
5683
पंतनगर से पिथौरागढ़
4625
देहरादून से पिथौरागढ़
7999
जौलीग्रांट से गौचर
4625
सहस्त्रधारा से चिन्यालीसौड़
2500
सहस्त्रधारा से गौचर
3000
जौलीग्रांट से श्रीनगर
3581
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने देहरादून हवाई अड्डे से उत्तराखंड के तीन स्थानों के लिए नई हवाई सेवा, 18 नए हेलीकॉप्टर मार्ग शुरू करने और देहरादून हवाई अड्डे में अंतरराष्ट्रीय स्तर सुविधाएं विकसित करने की घोषणाएं की. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, 'उत्तराखंड को भारत का केवल एयरोस्पोर्ट्स ही नहीं बल्कि ड्रोन स्पोर्ट्स का भी केंद्र बनना चाहिए. मैं विश्वास दिलाता हूं कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र से इस दिशा में पूरा सहयोग प्राप्त होगा.'
नई टर्मिनल बिल्डिंग का रास्ता.
दो फेस में होगा काम:जिस टर्मिनल भवन का आज लोकार्पण हुआ है वो एयरपोर्ट फेस वन में शामिल है, जो 250 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है. कुल दो फेस में काम पूरा होना है जिसकी पूरी लागत 353 करोड़ रहेगी. फेस वन के लोकार्पण के बाद फेस टू का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. नए टर्मिनल भवन के निर्माण से देहरादून हवाई अड्डे के क्षेत्रफल और वहां यात्रियों की प्रति घंटा आवाजाही क्षमता में लगभग 6 गुना वृद्धि हो गई है. एयरपोर्ट अथारिटी की ओर से नई टर्मिनल बिल्डिंग का फेज 1 का काम पूरा हो चुका है. फेज 1 में निर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का कुल क्षेत्र 28,729 वर्ग मीटर है जबकि इसकी लागत 325 करोड़ रुपए है. दूसरे फेज का काम भी प्रगति पर है. फेज-2 में 132 करोड़ रुपए की लागत से 14,047 वर्ग मीटर क्षेत्र में बिल्डिंग का और विस्तार होगा.
नई बिल्डिंग की जरूरत:नई बिल्डिंग की जरूरत: उत्तराखंड में पर्यटन और यात्रियों की संख्या बढ़ने से पुरानी टर्मिनल बिल्डिंग छोटी पड़ रही थी. वर्तमान में एयरपोर्ट पर रोजाना करीब 22 से 25 फ्लाइट के आवागमन से बड़ी बिल्डिंग की जरूरत महसूस की जा रही थी. अब नए टर्मिनल के बाद ज्यादा फ्लाइट्स भी बढ़ाई जाएंगी और भीड़ भी इकट्ठी नहीं होगी.
शानदार बनाई गई है नई टर्मिनल बिल्डिंग.
अत्याधुनिक है बिल्डिंग: नई टर्मिनल बिल्डिंग बड़ी और अत्याधुनिक बनाई गई है. एयरपोर्ट निदेशक प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि नई टर्मिनल बिल्डिंग पुरानी बिल्डिंग से 10 गुना बड़ी है. पुरानी बिल्डिंग में जहां 150 यात्री आ सकते थे वहीं नई बिल्डिंग में 1800 यात्रियों की क्षमता है. इसके साथ ही पार्किंग की कैपेसिटी भी बढ़ाई गई है. पुरानी पार्किंग में 4 एयरबस और 4 एटीआर की कैपेसिटी थी, अब 10 एयरबस और 10 एटीआर की कैपेसिटी हो गई है.
आधुनिक मशीनों से लैस है बिल्डिंग:नया टर्मिनल भवन आधुनिक मशीनों से लैस है जिसमें 11 चेकिंग काउंटर की जगह 36 चेकिंग काउंटर बनाये गए हैं. इसमें सीधे जहाज में बैठने की सुविधा है, स्केरेटर और लिफ्ट की सुविधा है, 4 अरोब्रिज बनाये गए हैं. नया टर्मिनल भवन पर्यावरण के अनुरूप बनाया गया है, जिसमें बारिश के पानी को संरक्षित करने की सुविधा है, आर्टिफिशियल लाइटों को कम करके स्काई लाइट लगाई गई हैं, जिसमें सूर्य की रोशनी को उपयोग में लाया गया है. इसके साथ ही सोलर पवार प्लांट भी लगाया गया है. फ्लाइट का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए शॉपिंग मॉल भी तैयार किया जा रहा है.
ऐसे दिखेगी नई टर्मिनल बिल्डिंग.
पहाड़ी संस्कृति के अनुरूप संवारी गई है बिल्डिंग: टर्मिनल में अंदर आने पर राज्यपुष्प ब्रह्मकमल की झलक दिखाने वाले तीन स्तम्भ बनाए गए हैं. इन्हीं स्तम्भों के सामने राज्य की कलाकृतियों को दर्शाया गया है. साथ ही इन पर श्लोक लिखे गए हैं. जौलीग्रांट एयरपोर्ट की इस न्यू टर्मिनल बिल्डिंग को पर्यटन की दृष्टि से पहाड़ की संस्कृति के अनुरूप संवारा गया है.
न्यू टर्मिनल बिल्डिंग परिसर में वैदिक मंत्रों के साथ-साथ गंगा, यमुना और सरयू जैसी पवित्र नदियों की स्तुति से संबंधित चित्रण किया गया है. इसके अलावा परिसर में गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र सहित ऋग्वेद एवं यजुर्वेद की रचनाओं को भी अंकित किया गया है ताकि दुनियाभर से आने वाला पर्यटक इस देवभूमि से एक आध्यात्मिक संदेश लेकर जाएं. न्यू टर्मिनल बिल्डिंग परिसर में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए गढ़वाली और अंग्रेजी भाषाओं में स्वागत संदेश भी अंकित हैं.
नई बिल्डिंग में ऐसी है सजावट.
प्रदेश में तेजी से हो रहा एयर कनेक्टिविटी में विस्तार: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड में एवियेशन टर्बो फ्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वैट को 20 प्रतिशत से घटाकर 2 परसेंट कर दिया है, इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अधिक से अधिक हेली कंपनियां उत्तराखंड का रुख करें. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि 2025 तक उत्तराखंड एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित हो, जिसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पहचान मिल सके.
ऐसी दिखेगी नई टर्मिनल बिल्डिंग.
एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से बढ़ेगा पर्यटन:केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि आम आदमी भी आसानी से हवाई यात्रा कर सके. इसी सोच को धरातल पर उतरने के लिए देशभर में वायु संपर्क मार्ग बढ़ाए जा रहे हैं. हवाई अड्डों का विस्तारीकरण, उच्चीकरण व सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. पहले देहरादून हवाई अड्डे में प्रति घंटा 250 व्यक्ति आवाजाही कर सकते थे, यह क्षमता भी अब बढ़कर 1200 व्यक्ति हो गई है. उन्होंने बताया कि अब देहरादून हवाई अड्डे में फेज-2 का काम शुरू होगा, जिसके पूरा होने पर यह क्षमता 1800 व्यक्ति प्रति घंटा हो जाएगी. सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन और पर्यटन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. इसी सोच के चलते उत्तराखंड में हवाई यात्रा की सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है.
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर हेलीकाप्टर सम्मेलन: टर्मिनल भवन उद्घाटन और हेली सेवाओं को शुरू करने के साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (फिक्की) और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सहयोग से तीसरे हेली सम्मेलन का आयोजन भी किया गया. इस सम्मेलन में नई हेली नीति की घोषणा की गई.
नई बिल्डिंग में ऐसी है सजावट.
कैसी होगी नई हेली नीति?
उत्तराखंड से ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश के लिए नई हेली नीति की घोषणा की, जिसमें 10 खास बिंदुओं पर फोकस रहेगा.
वर्तमान में देश में मात्र 190 हेलीकॉप्टर संचालित हैं.
हेलीकॉप्टर संचालन की अनुमति के लिए केंद्रीकृत हेली सेवा पोर्टल बनाया गया है, जिससे हेली कंपनियों को अनुमति के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
डिजिटल माध्यम से हेली सेवा संचालन की अनुमति देकर मानवीय दखल कम किया जा सके.
इमरजेंसी में मेडिकल सुविधाओं के लिए हेलीकॉप्टर उड़ानों के लिहाज से देशभर में तीन एक्सप्रेस-वे और चार हेली हब बनाए जाएंगे. मुंबई के जुहू, गुवाहाटी, दिल्ली और बंगलूरू चार हेली हब बनाए जाएंगे.
10 शहरों में 82 रूटों को हेलिकॉप्टर कॉरिडोर विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है. शुरुआत में चार हेलिकॉप्टरों के साथ 6 मार्गों को चालू किया जाएगा, जो जुहू-पुणे, मालालक्ष्मी रेस कोर्स-पुणे, गांधीनगर-अहमदाबाद के बीच होंगे.
नई नीति में आपातकालीन हेलीकॉप्टर मेडिकल सेवा के लिए दिल्ली मुंबई, अंबाला-कोटपुली, अंबाला-भटिंडा-जामनगर के बीच एक्सप्रेस-वे विकसित किया जाएगा, जिससे मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके.
हेली सेवाओं के लिए हवाई जहाजों से अलग रूट्स बनाए जाएंगे ताकि एयर ट्रैफिक की समस्या न हो.
देश में कहीं भी लैंडिंग और पार्किंग शुल्क खत्म होगा.
भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण और हवाई यातायात नियंत्रण के अधिकारियों को हेली सेवाओं से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.
हेलीकॉप्टर उद्योग के लिए नियामकीय सुगमता में सुधार के लिए एक सलाहकार निकाय का गठन किया जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर नागरिक उड्डयन नियमों के अनुरूप वायु रक्षा मंजूरी को पहले आधे घंटे के बजाय 3 घंटे तक बढ़ा दिया गया है. इससे हेली सेवाओं के संचालन में बड़ी राहत मिलेगी.
देश के हर जिले के जिलाधिकारी को हेली दिशा पुस्तिका दी जाएगी, जिसमें हेलीकाप्टर संचालन के लिए मानकों की जानकारी होगी.