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कोरोना से कैसे लड़ेगा प्रदेश, जहां मंत्री भी नहीं कर पा रहे ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था!

देश के साथ ही प्रदेश में भी कोरोना का कहर जारी है. लेकिन प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों का आलम यह है कि प्रदेश के मंत्री भी ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं.

कोरोना से कैसे लड़ेगा प्रदेश
कोरोना से कैसे लड़ेगा प्रदेश

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Published : Apr 29, 2021, 7:55 AM IST

देहरादून:पूरा देश इस वक्त कोरोना की कहर से कराह रहा है. पल-पल लोगों की सांसें थम रही हैं. सड़कों पर अपनों को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने की जद्दोजहद चल रही है. रसूखदार पैरवी कर रहे हैं, तो वहीं, आम जनता बेबस आंखों से शासन-प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठी है. कोरोना की दूसरी लहर से देवभूमि भी अछूता नहीं है.

प्रदेश में कोरोना हर रोज हजारों लोग को अपना शिकार बना रहा है. वहीं, शासन प्रशासन इस आपात स्थिति से निपटने में नाकाम साबित हो रहा है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं. क्योंकि कोरोना संक्रमितों के लिए आईसीयू बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करना आम जनता तो छोड़िए, बल्कि कैबिनेट मंत्रियों के बस की बात भी नहीं दिखाई दे रही है.

प्रदेश सरकार कोरोना को लेकर कितनी तैयार है, इसकी बानगी कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के दर्द से पता चलता है. जिन्हें अपने भांजे को सरकारी अस्पताल में आईसीयू बेड नहीं मिलने पर, निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. यह कोई पहला मामला नहीं. उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ महकमा और उनके मंत्रियों की हालत क्या है, इस कोरोनाकाल में इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी एक ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम नहीं करवा पा रहे हैं. जबकि ऑक्सीजन सिलेंडर की दरकार किसी और के लिए नहीं बल्कि सेना में अपनी सेवा दे चुके पूर्व सूबेदार मेजर हरि बल्लभ अवस्थी के लिए है.

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ऐसा सरकार की नीतियों का नतीजा है कि उत्तराखंड पहली बार मंत्री बने गणेश जोशी भी 10 घंटे बाद भी एक ऑक्सीजन का सिलेंडर उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. उनके पीएस मनोज जोशी की मानें तो वह लगातार इस प्रयास में जुटे हुए हैं, लेकिन अब तक सफलता हासिल नहीं हुई है. इसमें कोई दो राय नहीं कि मंत्री, विधायक या सत्ता में बैठे नेताओं के पास इस तरह की सिफारिश आती रहती है. लेकिन अगर सरकार में मुख्य पदों पर बैठे लोग ही असहाय नजर आने लगे तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात कितने बुरे हैं. ऐसे में कोरोना से जंग लड़ने की बात करने वाली सरकार सवालों के घेरे में नजर आ रही है.

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बता दें कि राजधानी के नींबूवाल कौलागढ़ में रहने वाले हरि बल्लभ अवस्थी को ऑक्सीजन की आवश्यकता है. आर्मी में सूबेदार मेजर पद से रिटायर अवस्थी पिछले 8 दिन से कोरोना से पीड़ित हैं. अपने दो जवान बेटों को अवस्थी पहले ही खो चुके हैं, अब उनकी देखरेख उनकी बेटी ऊषा पंत कर रही हैं. ऊषा बताती हैं कि पिछले 48 घंटे से देहरादून के अलग-अलग जगहों पर उन्होंने कई कॉल किए और कई लोगों से संपर्क किया. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर कहीं से मिल नहीं रहा है. अब उनके पिता की हालत खराब हो रही है. उनका ऑक्सीजन लेवल गिरता जा रहा है. उन्हें ऑक्सीजन की तुरंत दरकार है. उनकी बेटी ने उत्तराखंड सरकार से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है.

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