आसन बैराज पहुंचने लगे प्रवासी पक्षी विकासनगर: आसन कंजर्वेशन रिजर्व में अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह से विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया था. यह विदेशी पक्षी मार्च माह तक अपना डेरा आसन झील में जमाए रहेंगे. पक्षी प्रेमी और पर्यटकों का इन प्रवासी पक्षियों को देखने आना जारी है. बड़ी संख्या में लोग इन्हें निहारने और कैमरे में कैद करने के लिए पहुंच रहे हैं.
आसन बैराज पहुंचे प्रवासी पक्षी: आसन कंजर्वेशन रिजर्व में इन दिनों विदेशी पक्षियों का दीदार करने के लिए जहां पक्षी प्रेमी आसान झील पहुंच रहे हैं तो वहीं पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है. अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में करीब 700 विदेशी मेहमान पक्षी यहां पहुंच चुके हैं. प्रवासी पक्षियों के कलरव से आसन झील गूंज रही है. बाकी मेहमान पक्षियों का आना जारी है. बर्ड वाचिंग और यहां के सुंदर नजारों का पर्यटक लुफ्त उठा रहे हैं.
प्रवासी पक्षियों को देखने पहुंचे पर्यटक: पर्यटक यहां बोटिंग कर यहां की झील का भरपूर आनंद ले रहे हैं. इन दोनों हिमाचल से लगते हुए आसन कंजर्वेशन रिजर्व में हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों से पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. आसन कंजर्वेशन रिजर्व चकराता वनप्रभाग के तहत आता है. यह 444.40 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है. चकराता और पोंटा साहिब के बीच स्थित यह वेटलैंड आसन बैराज के नजदीक है.
देहरादन जिले में है आसन कंजर्वेशन रिजर्व हर साल आसन बैराज आते हैं विदेशी पक्षी: आसन बैराज में हर साल सर्दी के मौसम में 10,000 के करीब देसी विदेशी पक्षी आते हैं. आजकल विदेशी प्रजाति के करीब 700 पक्षी यहां देखे जा सकते हैं. इसके अलावा देशी प्रजातियों की पक्षियां भी यहां विचरण करती नजर आती हैं. रामसर साइट से मान्यता मिलने के बाद आसन कंजर्वेशन विश्व पटल पर अपनी पहचान बन चुका है. उत्तराखंड सरकार की ओर से भी यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास को गति मिल रही है. बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए यह एक आदर्श डेस्टिनेशन साबित हो रहा है. दुनिया भर के पक्षी प्रेमी पक्षियों पर रिसर्च करने यहां आते हैं, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है.
आसन कंजर्वेशन रिजर्व में प्रवासी पक्षी आते हैं प्रवासी पक्षियों की होती है कड़ी सुरक्षा: चकराता वन प्रभाग के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि आसन कंजर्वेशन में हर वर्ष प्रवासी पक्षी प्रवास पर आते हैं. अक्टूबर में इनका आना शुरू होता है. इसमें रूडी शेल्डक, कामन कूट, गैडवाल के आने की शुरुआत हुई है. लगभग 30- 32 प्रजातियों की प्रवासी पक्षियां आ चुकी हैं. माइग्रेटरी बर्ड्स में 5 से 7 सौ पक्षी आ चुके हैं. यह पक्षी साउथ एशिया, साइबेरिया और सेंट्रल एशिया से आते है. इनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग का गश्ती दल तैनात है. पर्यटकों का आना भी जारी है.
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