देहरादून: ग्राम विकास और पलायन आयोग की टीम ने क्षेत्र में योजनाओं का विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपी. आयोग द्वारा तैयार की गई 5वीं रिपोर्ट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सिफारिशें की गई हैं, जिससे पलायन को कम किया जा सके.
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकना और जन सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. ये प्रदेश के लिये एक बड़ी चुनौती भी है. इसी दिशा में बेहतर काम करने के लिए ग्रामीण विकास और पलायन आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को लेकर और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर अपने सुझाव दिए गए.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान पलायन आयोग द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि उनके सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की जाएगी. साथ ही हमारे गांव और खेती आबाद हो, इसके लिये व्यापक जन जागरूकता जरूरी है. मुख्यमंत्री ने न्याय पंचायत स्तर पर कृषि विकास से संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम बनाए जाने की भी जरूरत बताई.
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राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल और सिंचाई दोनों के लिए पानी की कमी एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. इस समस्या से निपटने के लिए इस योजना के तहत कार्यों का संयोजन किया जा सकता है. उत्तराखंड में औषधीय और सुगंधी पौधों की अच्छी क्षमता है, लेकिन वर्तमान में वह राज्य में एक लाभकारी गतिविधि के रूप में नहीं उभर पा रही है.