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Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में हिमस्खलन का अलर्ट, तापमान तोड़ सकता है 40 साल पुराना रिकॉर्ड

उत्तराखंड में हिमस्खलन को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग उत्तराखंड के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण 18 फरवरी से लेकर 20 फरवरी तक हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. उधर बढ़ता तापमान पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ सकता है. दरअसल इस साल फरवरी में 93% तक कम बारिश हुई है. इस कारण इस साल फरवरी में 21 डिग्री सेल्सियस तक तापमान जा चुका है. 1984 में फरवरी का अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा था.

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Published : Feb 18, 2023, 6:52 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम लगातार करवट बदलता नजर आ रहा है. अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज उत्तराखंड राज्य पर भारी रहने वाला है. दरअसल, मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड के कई जिलों में तापमान बढ़ने की संभावना जताई गई है. इसे देखते हुए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ के तेजी से पिघलने की संभावना जताई है. इसके चलते हिमस्खलन होने की चेतावनी देते हुए प्रदेश की तमाम नदियों के जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई है.

उत्तराखंड में बेतहाशा बढ़ रहा तापमान: दरअसल, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने की संभावना है. इसे देखते हुए मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है. वहीं, इसी तरह प्रदेश के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने की संभावना जताई है. लिहाजा मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

हिमस्खलन की चेतावनी: मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 18, 19 और 20 फरवरी को प्रदेश में तापमान 6 डिग्री से 10 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना है. लिहाजा मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बर्फ के तेजी से पिघलने की संभावना है. इसके चलते हिमस्खलन की अधिक संभावना है. साथ ही उत्तराखंड की प्रमुख नदियों में जलस्तर बढ़ने के साथ ही कृषि क्षेत्रों की मिट्टी में नमी की कमी होने की संभावना है. लिहाजा मौसम विभाग ने बांध और जलाशयों में नजर बनाए रखने के साथ ही खनन प्रभावित क्षेत्रों में नजर बनाए रखने और सतर्क रहने की बात कही हैं.

तापमान तोड़ेगा 40 साल पुराना रिकॉर्ड!: दूसरी ओर उत्तराखंड में मौसम की बेरुखी पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ सकती है. स्थिति यह है कि बढ़ते तापमान के चलते पिछले करीब 20 सालों के रिकॉर्ड टूटने की संभावना व्यक्त की जा रही है. उधर फरवरी महीने में अबतक 93 प्रतिशत तक बारिश कम हुई है, जो चिंता को बढ़ा रहा है. उत्तराखंड के पहाड़ों पर इस समय करीब 8 डिग्री तक तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है. हैरानी की बात यह है कि इस बार फरवरी का पूरा महीना ड्राई रहा है.

फरवरी महीने में 93 फीसदी बारिश कम हुई: आंकड़े बताते हैं कि राज्य में फरवरी महीने में 93% तक कम बारिश हुई है. उधर विंटर सीजन को देख लिया जाए तो अब तक 57% तक की बारिश में कमी देखी गई है, जो पर्यावरण के लिहाज से बेहद चिंताजनक है. ये हालात किसानों के लिए भी परेशानी पैदा करने वाले भी हैं. इस सबके बीच मौसम वैज्ञानिक मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह अंदाजा लगा रहे हैं कि स्थिति यही रही तो आने वाले दिनों में पिछले कई सालों के रिकॉर्ड टूट सकते हैं.

फरवरी में तापमान 21 डिग्री सेल्सियस पहुंचा: दरअसल फरवरी महीने में 24 डिग्री सेल्सियस तक तापमान 1984 में रिकॉर्ड किया गया था. मौजूदा समय में करीब 21 डिग्री सेल्सियस तक तापमान गया है. उधर आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है. लिहाजा मौसम विज्ञानी तापमान के 25 डिग्री सेल्सियस तक भी जाने की बात कह रहे हैं. जाहिर है इस स्थिति में पिछले कई सालों के रिकॉर्ड टूट सकते हैं.
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उत्तराखंड के पहाड़ों पर सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है तापमान: मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह कहते हैं कि पहाड़ों पर 8 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सामान्य से अधिक है. आने वाले दिनों में तापमान और भी ज्यादा बढ़ सकता है. इस तरह 10 डिग्री सामान्य से अधिक तापमान हो सकता है. इसकी बड़ी वजह यह है कि मॉनसून जाने के बाद यानी 15 अक्टूबर के बाद से ही अब तक कोई भी अच्छी बारिश राज्य में नहीं हुई है और फरवरी का तो पूरा महीना ही ड्राई रहा है.

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