देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Uttarakhand Vidhan Sabha Winter Session) आज से शुरू हुआ. शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (bipin rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका को श्रद्धांजलि दी गई. सदन में श्रद्धांजलि देते हुए शोक प्रस्ताव पढ़े गए. जिसके बाद सदन को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
नेता सदन के साथ-साथ सभी सदस्यों ने अपनी श्रद्धांजलि सीडीएस बिपिन रावत को देते हुए उनकी स्मृतियों को याद किया. वहीं सीडीएस बिपिन रावत के निधन से देश के साथ ही प्रदेश में शोक की लहर है. गौर हो कि बुधवार को कुन्नूर में सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश (Army helicopter crashes in Coonoor) में CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की मौत हो गई. CDS बिपिन रावत की मौत के बाद से ही देशभर में शोक की लहर है. हर कोई CDS बिपिन रावत को अपनी-अपनी तरह से याद कर रहा है.
CDS बिपिन रावत को श्रद्धांजलि वहीं उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2 दिन के लिए प्रस्तावित था. अचानक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद एक दिन शोक प्रस्ताव के लिए रखा गया है और अब 3 दिन का विधानसभा सत्र होगा. इसी के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने आज सुबह प्रदेश कार्यालय पर सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी. साथ ही कई नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
CM बोले- बार-बार आंखों के सामने आ रहा सीडीएस का चेहरा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी आंखों के सामने बार-बार सीडीएस बिपिन रावत का चेहरा आ रहा है. सीएम ने बिपिन रावत के निधन को अपूरणीय क्षति बताया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. CM धामी ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत पूर्व सैनिकों की बहुत चिंता करते थे. वो पूर्व सैनिकों के कल्याण की बात हर समय करते थे.
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मीडिया से बात करते हुए उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत का आकस्मिक निधन देश के लिए ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के लिए भी बड़ी क्षति है. उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत को उनके कार्यों के लिए हमेशा याद किया जाएगा. जबकि बीजेपी पूरे प्रदेश में मंडल स्तर पर शोकसभा आयोजित कर सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दे रही है.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने यादें की ताजा: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि हिंदुस्तान के सैनिक सीडीएस बिपिन रावत को अपना आइडल मानते थे. जवान सपना देखते थे कि वो सेना में जाएंगे तो बिपिन रावत जैसा जांबाज बनेंगे. पांडे ने कहा कि हमारे देश में पहले आतंकवादी जब-जहां चाहते थे वहां नरसंहार कर देते थे. सीडीएस बिपिन रावत ने आतंकवादियों को कड़ा सबक सिखाया.
हरक सिंह रावत की यादों में भी बसे थे बिपिन रावत: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी सीडीएस बिपिन रावत से जुड़ी अपनी यादें ताजा कीं. उन्होंने कहा कि बिपिन रावत ने 1 सौ 25 करोड़ लोगों में से निकल कर देश की सेवा की थी. बिपिन रावत जांबाज अफसर थे. हरक ने यूपी के जमाने की बिपिन रावत के साथ की यादें भी साझा कीं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से निकल कर उन्होंने देश का सैन्य नेतृत्व किया. हरक सिंह रावत ने कहा कि मैं खुद सैन्य विज्ञान का छात्रा रहा हूं. बिपिन रावत का देश के लिए सैन्य योगदान बहुत बड़ा है.
इसके साथ ही अन्य विधानसभा सदस्यों ने भी सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की. सभी ने बारी-बारी सीडीएस बिपिन रावत के साथ जुड़ी अपनी यादों को भावुकता के साथ सदन में साझा किया.
विपक्ष ने भी दी श्रद्धांजलि: उप नेता प्रतिपक्ष करन महरा ने कहा कि सीडीएस की कार्यकुशलता से हर कोई वाकिफ था और उनके जाने से पूरा देश दुखी है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कुन्नूर (Coonoor) के पास हेलीकॉप्टर हादसे को लेकर एकाएक यकीन नहीं आया. उन्होंने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण करने के क्षेत्र में CDS बिपिन रावत का विशेष हाथ रहा है और बिपिन रावत इस दिशा में काफी तेजी से कार्य कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत और उत्तराखंड के लिए यह बहुत बड़ी क्षति है. विशेषकर उत्तराखंड ने अपना सपूत खोया है.
उत्तराखंड से ताल्लुक: CDS बिपिन रावत उत्तराखंड के रहने वाले थे. उनका जन्म पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. सीडीएस बिपिन रावत पौड़ी, द्वारीखाल ब्लाक के सैंण गांव के मूल निवासी थे. जनरल रावत के घर तक पहुंचने के लिए एक किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता पैदल तय करना पड़ता है. जनरल बिपिन रावत का परिवार दशकों पहले देहरादून शिफ्ट हो गया था, लेकिन उन्हें अपने पैतृक गांव सैंण से इतना लगाव था कि वह यहां आते-जाते रहते थे. गांव में उनके चाचा भरत सिंह रावत और उनका परिवार रहता है.
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पीढ़ियों से सेना में सेवाएं दे रहा परिवार:CDS बिपिन रावत के परिवार की कई पीढ़ियां सेना में सेवा दे चुकी हैं. उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे. वे कई साल तक भारतीय सेना का हिस्सा रहे. जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में पढ़ चुके हैं.
बताते चलें कि तमिलनाडु में कुन्नूर (Coonoor) के पास बुधवार को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका का निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक गुरुवार यानी आज शाम तक उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया जाएगा. दोनों का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली छावनी में करने की बात कही गई है. बता दें, रावत के गृह राज्य उत्तराखंड में राज्य सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.