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संविधान, लोकतंत्र और विपक्ष बचाने को लेकर सर्वदलीय बैठक, 14 अप्रैल को एकजुट होगा विपक्ष - Harish Rawat meeting in Dehradun

देहरादून में पूर्व सीएम हरीश रावत ने संविधान, लोकतंत्र और विपक्ष को बचाने के लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक की. इस दौरान हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने और विपक्ष का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. वहीं, विपक्षी नेताओं ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.

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हरदा के नेतृत्व में विपक्षी दल की बैठक

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Published : Mar 25, 2023, 4:50 PM IST

Updated : Mar 25, 2023, 5:01 PM IST

हरदा के नेतृत्व में विपक्षी दल की बैठक

देहरादून:राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने और विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित किए जाने के विरोध में देहरादून में तमाम विपक्षी दलों की बैठक हुई. यह बैठक पूर्व सीएम हरीश रावत की अध्यक्षता में सभी विपक्षी दलों के नेताओं विचार मंथन किया. इस दौरान सभी ने एक स्वर में कहा विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए केंद्र सरकार ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दुरुपयोग कर रही है.

हरदा की अध्यक्षता में विचार मंथन: आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में सुभाष रोड स्थित एक होटल में संविधान, लोकतंत्र और विपक्ष को कुचलने के विरुद्ध विभिन्न राजनीतिक दलों ने विचार मंथन किया. विचार मंथन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ सत्यनारायण सचान, सीपीआई के वरिष्ठ नेता समर भंडारी, यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी समेत कई नेता मौजूद रहे. इस दौरान सभी नेताओं ने राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द किए जाने की निंदा की.

राहुल की सदस्यता रद्द होने पर खड़े किए सवाल: हरीश रावत ने कहा राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता समाप्त किए जाने का षड्यंत्र किया गया है, जो इसकी पराकाष्ठा है. उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा ऐसी शक्तियां जिनका नेतृत्व गौतम अडानी कर रहे हैं, उनको बचाने के लिए एक षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता समाप्त की गई है, जिसकी सभी ने निंदा की है.

संविधान और लोकतंत्र पर चोट का आरोप: पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा बैठक में इस तरह की प्रवृत्तियों के खिलाफ सामाजिक चेतना और एकजुटता जाहिर करने के लिए और मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया गया है. राजनीतिक दलों की वैचारिक विभिन्नताएं हो सकती है, लेकिन संविधान, संवैधानिक लोकतंत्र और बहुदलीय प्रणाली पर जो चोट हो रही है, उस चोट के विरोध करने के सवाल पर सब एकमत हैं.
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14 अप्रैल को एकजुट होगा विपक्ष: हरदा ने कहा सर्वदलीय बैठक में यह सुझाव सामने आया है कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर संविधान और लोकतंत्र के प्रतीक पुरुष के रूप में हैं. 14 अप्रैल को उनका जन्मदिन आ रहा है. इस दिन संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ के तहत सब लोग एकजुट होकर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. और जन संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे. जिन लोगों तक हम नहीं पहुंच पाए हैं, उन तक हम सामूहिक रूप से पहुंचेंगे और वैचारिक विभिन्नताएं होने के बावजूद हम एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे.

विपक्ष का किया जा रहा उत्पीड़न: हरदा ने कहा ऐसी सभी शक्तियां, जो संवैधानिक लोकतंत्र और देश की बहुदलीय प्रणाली पर आधारित है, उसकी रक्षा के लिए हम चिंतित हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा भाजपा सरकार की पृष्ठ पोषक शक्तियां, देश के भीतर सुविचारक प्रणाली को समाप्त करना चाहती है. उसी दिशा में जो राजनीतिक दल और नेता, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन सरकार की कार्यप्रणाली से असहमत हैं, उन सब का उत्पीड़न किया जा रहा है. यह घटनाक्रम काफी लंबे समय से चल रहा है.

विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर किया हमला: मंथन में शामिल विपक्षी नेताओं ने कहा लोकसभा चुनाव से पहले जिस प्रकार राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त की गई है, यह केंद्र सरकार के हड़बड़ाहट है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ सभी विपक्षी दल पूरी एकजुटता के साथ आगे बढ़ेंगे.

प्रीतम ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना: वहीं, पौड़ी दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा भाजपा सरकार ने षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त करवाई गई है. उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों को दमनकारी बताया. वहीं, इस मौके पर युवा कांग्रेसियों ने पौड़ी मुख्यालय में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर पुतला दहन किया.

संविधान के विपरीत चल रही सरकार: प्रीतम सिंह ने कहा सरकार संविधान के विपरीत चल रही है. जिस तरह से राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त कराई गई, उससे साफ है कि सरकार का लोकतंत्र और संविधान से कोई लेना देना नहीं है. इससे पूर्व भी सर्वोच्च न्यायालय के तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों ने भारत की मौजूदा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़े किये थे. देश में यह पहली बार हुआ है जब न्याय व्यवस्था में सरकार के हस्तक्षेप के खिलाफ खुद न्यायाधीश ही खड़े हो गये थे. इतना ही नहीं हर रोज सरकार और सर्वोच्च न्यायालय में आये दिन कुछ न कुछ मनमुटाव दिखाई देता है.

Last Updated : Mar 25, 2023, 5:01 PM IST

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