देहरादून: उत्तराखंड और मॉरीशस के संबंधों में और अधिक मिठास लाने के लिए नए-नए प्रयास किये जा रहे हैं. उत्तराखंड सरकार द्वारा मॉरीशस से चारधाम आने वाले यात्रियों को इस बार तोहफा दिया गया है. वहीं उत्तराखंड से मॉरीशस जाने वालों को भी एक खास तोहफा दिया गया है. जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होगा.
उत्तराखंड और मॉरीशस के बीच हुआ बड़ा समझौता भारतीय और मॉरीशस की संस्कृती में प्राचीन संबध बताते हुए प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भारत के हिन्दुओं और मॉरीशस के पूर्वज एक ही हैं. आज भी मॉरीशस में घर के बाहर भले ही अंग्रेजी और अन्य भाषाएं बोली जाती हों, लेकिन अपने घर के अंदर आज भी लोग भोजपुरी के साथ ही अन्य भारतीय भाषाएं बोलते हैं.
मॉरीशस के उच्चायुक्त जगदीश गोवर्धन ने बताया कि भारत और यहां के धार्मिक स्थलों के प्रति मॉरीशस के लोगों की बड़ी आस्था है. चारधाम यात्रा से लौटे जगदीश गोवर्धन ने चार धाम यात्रा के अपने अहसास को अपने जीवन का सबसे बेहतर पल बताया.
उन्होंने बताया कि मॉरीशस में भी हिन्दू धर्म से जुडे़ धार्मिक स्थल हैं. जिनमें सबसे खास गंगा तालाब को माना जाता है, जो उत्तराखंड की गंगा नदी की ही तरह पवित्र है. वहां भारत और उत्तराखंड से कई लोग घूमने आते हैं.
संयुक्त प्रेस कांफ्रेस में बताया गया कि मॉरीशस से चार-धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में ऑफ सीजन के दौरान 50 फीसद की छूट और सीजन में 30 फीसद की छूट दी जाएगी. वहीं आने वाले समय में जीएमवीएन की बसों में भी छूट देने पर विचार किया जा रहा है. इसके साथ ही उत्तराखंड से मॉरीशस जाने वाले लोगों को भी वहां इसी तरह से रियायत दी जायेगी.