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ज्वैलरी शोरूम डकैती केस: मास्टरमाइंड शशांक ने पूछताछ में रैकी से वारदात और माल ठिकाने का किया खुलासा

Dehradun jewellery showrooms robbery case देहरादून ज्वैलरी शोरूम डकैती मामले में मास्टरमाइंड शशांक ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए हैं. शशांक को देहरादून पुलिस ने पटना से गिरफ्तार किया है और अब ट्रांजिट रिमांड देहरादून लाई है.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2024, 8:27 PM IST

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मास्टरमाइंड शशांक ने पूछताछ में रैकी से वारदात और माल ठिकाने का किया खुलासा

देहरादूनःज्वैलरी शोरूम डकैती मामले में घटना के मास्टरमाइंड आरोपी शशांक को ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाकर न्यायालय में पेश कर 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया है. पुलिस को आरोपी से पूछताछ में डकैती की घटना में लूटे गए माल के संबंध में अहम जानकारियां मिली है. आरोपी पर अलग-अलग राज्यों में लूट, डकैती सहित कई संगीन आपराधिक घटनाओं के कई मुकदमे दर्ज हैं.

ज्वैलरी शोरूम डकैती मामले में दून पुलिस द्वारा घटना के मास्टरमाइंड शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को 6 जनवरी को देर रात पटना के बेऊर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. जिसे पटना न्यायालय में पेश करते हुए ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया. पूछताछ में आरोपी शशांक द्वारा बताया गया कि सुबोध और उसके द्वारा ही देहरादून में ज्वैलरी शोरूम में लूट की योजना बनाई गई थी. घटना को अजांम देने के लिए प्रिंस कुमार, अखिलेश उर्फ अभिषेक, विक्रम कुशवाहा, राहुल और अविनाश को देहरादून भेजा गया था. आरोपी शशांक से घटना में लूटी गई ज्वैलरी के संबंध में अहम जानकारी दी. आरोपी ने लूटे गए माल को नेपाल में बेचने की बात कही है. लेकिन आरोपी का कहना है कि लूट के माल को बेचने पर बहुत कम कमीशन मिलता है.

शशांक की सुबोध के साथ मुलाकात:आरोपी शशांक द्वारा बताया गया कि सुबोध से उसकी पहचान अपने मौहल्ले में रहने वाले रोशन सिंह नाम के व्यक्ति के माध्यम से हुई थी. जो सुबोध के लिए काम करता था. साल 2015-16 में रोशन की हत्या होने के बाद आरोपी शशांक सुबोध गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया. आरोपी ने सुबोध और अपने अन्य साथियों के साथ साल 2016 में बैरकपुर, पश्चिम बंगाल में मणप्पुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो सोने और साल 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाइनेंस ब्रांच में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को अजांम दिया था.
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उसके बाद आरोपियों द्वारा विशाखापट्टनम में भी लूट की योजना बनाई. लेकिन घटना से पहले ही शशांक को उसके 3 अन्य साथियों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. घटना में सुबोध सिंह समेत 3 लोग मौके से फरार होने में कामयाब रहे. चारों आरोपी विशाखापट्टनम में 9 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए लेकिन उसके बाद सभी को सुबोध सिंह के साथ आसनसोल की घटना में गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया.

जेल में वर्चुअल सिम बनाने की मिली जानकारी: बेऊर जेल में शशांक की पहचान राजस्थान के एक हैकर से हुई. जिसने उसे, सुबोध और राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार को वर्चुवल सिम बनाने की जानकारी दी. सुबोध सिंह और राजीव सिंह से आरोपी का जेल में अच्छा तालमेल हो गया. सुबोध सिंह और राजीव सिंह पहले से ही जेल में मोबाइल चलाते थे. सभी लोग पहले से ही व्हाट्सएप कॉल के जरिए बात करते थे. वर्चुअल नंबरों से गैंग के अन्य सदस्यों से संपर्क किया जाता था. सुबोध सिंह पर लूट और डकैती के कई मुकदमे दर्ज थे. इसके बाद आरोपी शशांक पूरे गैंग को ऑपरेट करने लगा.

DSP बनकर महाराष्ट्र में डकैती को दिया अंजाम: शशांक ने पूछताछ में बताया कि जून 2023 में सांगली, महाराष्ट्र में सुबोध सिंह और राजीव सिंह के द्वारा दिए जा रहे डायरेक्शन पर शशांक ने वर्चुअल सिम का प्रयोग करके ज्वैलीर शोरूम में घटना को अंजाम दिया. घटना में छोटू राणा उर्फ महाराणा प्रताप, अनिल सोनी उर्फ डीएसपी, अंकुर उर्फ सिकंदर, पंकज सिंह उर्फ चमत्कार, रोहित सिंह उर्फ यमराज, सुधीर शर्मा उर्फ डेविड, गणेश उर्फ अन्ना, प्रिंस निवासी बिहार शामिल थे. सांगली महाराष्ट्र का ज्वैलरी शोरूम बहुत बड़ा था. उसके कई कर्मचारी अलग-अलग काउंटर में फैले हुए थे. तब अनिल सोनी ने पुलिस के डीएसपी का रोल और सुधीर शर्मा उर्फ डेविड ने एसआई का रोल निभाकर घटना को अजांम दिया.
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ज्वैलरी शोरूम डकैती में गूगल मैप से तैयार किया रूट:सितंबर 2023 में फिर शशांक, सुबोध सिंह और राजीव सिंह ने देहरादून में डकैती की योजना बनाई. अनिल सोनी उर्फ डीएसपी को रैकी करने के लिए भेजा गया. अनिल सोनी ने राजपुर रोड, देहरादून स्थित ज्वैलरी शोरूम को चिन्हित किया. वर्चुअल कॉल के माध्यम से बताया कि दुकान मेन रोड से थोड़ा अंदर है. यह जगह डकैती के लिए बिल्कुल ठीक है. तब शशांक ने गूगल मैप से घटनास्थल से आने जाने का रूट मैप बनाया और अनिल सोनी को रूट को देखने के लिए भेजा. अनिल सोनी द्वारा बताया गया कि पांवटा साहिब और हरिद्वार वाला रूट देहरादून से बाहर निकलने के लिए ठीक है.

भागने के लिए रास्तों को दिया गया A से H तक नाम: शशांक ने गूगल मैप के जरिए घटना करने के बाद किस रास्ते से भागना है, उसमें A से H तक प्वांइट बनाकर जिले से बाहर निकलने का रास्ता घटना करने वाली टीम को व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से बताया. उसके बाद शशांक, सुबोध और राजीव सिंह से बात करके राहुल चौंदा, अविनाश, प्रिंस उर्फ सिंघम, विक्रम उर्फ पायलेट, अभिषेक उर्फ अखिलेश उर्फ गांधी से डकैती करवाई गई.

पुलिस चैकिंग के कारण बदला रूट: घटना वाले दिन प्लानिंग थी कि विक्रम शिमला बाईपास से अर्टिगा गाड़ी में माल डालकर, अविनाश और राहुल चौंदा को लेकर हरिद्वार की तरफ निकलेगें. लेकिन वारदात के बाद कई जगह पुलिस की चैकिंग होने के कारण संभव नहीं हो पाया. इस पर शशांक ने प्लान बदलकर नदी के रास्ते निकलकर पांवटा साहिब वाले रूट से जाने के लिए कहा गया. घटना के बाद रूट में पुलिस चैकिंग शुरू हो गई थी. जिस कारण इन लोगों ने घटना में प्रयोग की गई दोनों बाइक और अर्टिगा गाड़ी को रास्ते में ही छोड़ दिया और अलग-अलग माध्यमों से देहरादून से बाहर निकल गए.
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पटना जेल में मोबाइल: आरोपी शशांक ने पुलिस को बताया कि पटना की जेल मुख्य शहर के बीच है. आसपास कई घर है. जेल से जमानत लेकर बाहर आए आरोपी जेल की दीवार से मोबाइल को तंबाकू के पैकेट में डालकर अंदर फेंकते हैं. 10 हजार रुपए के मोबाइल की कीमत 30 हजार रुपए लगती है.

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी शशांक द्वारा माल के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. जिस संबंध में कार्रवाई की जा रही है. शशांक, सुबोध, राजीव कुमार सिंह द्वारा ही गुजरात के मेहसाणा में डकैती की योजना बनाई गई थी. घटना की रैकी के लिए अपने गैंग के 2 सदस्यों अनिल सोनी और विकास कुमार को भेजा गया था. लेकिन दून पुलिस के इनपुट पर गुजरात पुलिस और दून पुलिस की टीमों द्वारा घटना से पहले ही आरोपी विकास कुमार को गिरफ्तार कर योजना को विफल कर दिया गया था. साथ ही जिस तरह से जेल से मोबाइल ऑपरेट किया जाता था तो देहरादून पुलिस द्वारा पटना जेल को पत्राचार किया जाएगा.

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