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शहीद विभूति की सास बोलीं- 1990 में जिस डर से कश्मीर छोड़ा उसी 'डर' ने आज परिवार बर्बाद कर दिया

शहीद की अंतिम यात्रा में श्रद्धांजलि देने जगह-जगह पर लोग जमे रहे. डोइवाला चौक पर भी सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से शहीद के पार्थिक शरीर पर पुष्पवर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि दी.

शहीद की अंतिम यात्रा

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Published : Feb 19, 2019, 2:16 PM IST

देहरादूनःपुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार देर शाम उनके आवास पर लाया गया. आवास पर ही शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सीएम हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

शहीद मेजर विभूति के घर पर अंतिम दर्शन के लिए आज सुबह से ही लोगों तांता लगा रहा. इस मौके पर शहीद के घर के बाहर उमडे़ हुजूम ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया गया. जहां पूरे विधि-विधान के साथ शहीद मेजर विभूति का अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं, शहीद की अंतिम यात्रा में श्रद्धांजलि देने जगह-जगह पर लोग जमे रहे. डोइवाला चौक पर भी सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से शहीद के पार्थिक शरीर पर पुष्पवर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि दी.

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा लोगों का हुजूम.

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वहीं, शहीद विभूति की पत्नी की मौसी गिरिजा का कहना है कि आतंकवादियों को सबक सिखाना जरूरी है. दशहतगर्दों का मार गिराना चाहिए ताकि देश का कोई और जवान शहीद न हो. वे बताती है कि साल 1990 में उन्होंने कश्मीर छोड़ दिया था. क्योंकि उन्हें हर रोज डर लगा रहता था कि कहीं वे उस माहौल में किसी अपने को ना खो दें.

शहीद मेजर की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे कर्नल डीके कौशिक ने भी पाकिस्तान की इस कायराना हरकत पर अपनी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों पर पत्थरबाजी करने वाले नौजवानों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार जल्द ही कश्मीर मसले का हल निकालेगी ताकि सीमा पर होने वाली इन शहादतों को रोका जा सके.

वहीं, सैनिक वेलफेयर बोर्ड के अध्यक्ष केवी चंद्र ने कहा कि पाकिस्तान की इंटरनल इंटेलिजेंस और पाकिस्तान की आर्मी की कमर तोड़ने की जरूरत है. सीमा पर होने वाली शहादतों से भारतीय सेना का मोरल डाउन नहीं हो रहा बल्कि, उनका गुस्सा और भी बढ़ रहा है. जरूरत है कि जो जम्मू कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी करने वाले लोगों पर भी आतंकवादियों की तरह कार्यवाही करनी चाहिए.

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