उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर हजारों पेड़ों की बलि, पर्यावरणविद् रवि चौपड़ा ने उठाई आवाज

राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटान के विरोध में उतरी संस्थाओं का पर्यावरणविद् रवि चौपड़ा ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क में जो वन्य जीवों की विविधता पाई जाती है, वह आज भी कहीं नहीं मिलती है. इसलिए कार्यदायी संस्था को कोई अन्य विकल्प निकालकर मार्ग बनाना चाहिए.

protest-against-trees-felling-in-dehradun
पेड़ कटान के विरोध में उतरी संस्थायें

By

Published : Apr 6, 2022, 8:01 PM IST

देहरादून: दिल्ली-देहरादून राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना के तहत आशारोड़ी और मोहंड के आसपास पेड़ काटे जा रहे हैं. पेड़ कटान के विरोध में कई सामाजिक संगठन ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. वहीं, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् रवि चौपड़ा ने आशारोड़ी में सिटीजन फॉर ग्रीन दून के रिले चिपको आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे. उन्होंने कहा यह जंगल 100 वर्ष पुराना है. इसलिए कार्यदायी संस्था को कोई अन्य विकल्प निकालकर मार्ग बनाना चाहिए.

सिटीजन ग्रीन फॉर दून सहित विभिन्न सामाजिक संगठन देहरादून-दिल्ली राजमार्ग चौड़ीकरण के विरोध में पेड़ों से चिपक कर वहां हो रहे पेड़ कटान का विरोध किया. इस मौके पर रवि चौपड़ा ने कहा कि राजाजी नेशनल पार्क नेपाल से शुरू होकर तराई के इस क्षेत्र में समाप्त होता है. जो वन्य जीवों की विविधता इस जंगल में पाई जाती है. वह आज भी कहीं नहीं मिलती है.

हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर हजारों पेड़ों की बलि.

ये भी पढ़ें:उत्तराखंड में चार रोडवेज डिपो के मर्जर का फैसला रद्द, परिवहन मंत्री ने जताई नाराजगी

उन्होंने कहा आज हम उस दौर में हैं, जहां मौसम तेजी के साथ बदल रहा है, लेकिन उसके बाद भी विकास के नाम पर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ हो रहा है, जो गलत है. इसके खिलाफ भविष्य की योजनाओं के लिए आरटीआई के माध्यम से जानकारियां मांगी जाएगी. कितनी और वन संपदा को नुकसान होने वाला है. उसके खिलाफ आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

बता दें कि देहरादून-दिल्ली राजमार्ग पर चौड़ीकरण परियोजना का कार्य एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) कर रहा है. यहां पर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है. ताकि मोहंड क्षेत्र के मोड़ों में लगने वाले जाम से बचा जा सकेगा. साथ ही देहरादून क्षेत्र में इसकी लंबाई 19.38 किमी है. उत्तर प्रदेश की सीमा में इस परियोजना की लंबाई करीब 16 किमी है. बताया जा रहा है कि इस परियोजना में वन्यजीवों के कॉरिडोर का निर्माण भी किया जाएगा.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details