देहरादून: पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन से उद्योगों ने अभी उबरना ही शुरू किया था कि कोरोना दूसरी तरह ने उनके सामने एक और बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. ये समस्या है ऑक्सीजन की. ऑक्सीजन की कमी से न सिर्फ कोरोना मरीज दम तोड़ रहे हैं, बल्कि कई फैक्ट्रियां भी ऑक्सीजन की कमी के चलते वेंटिलेटर पर पहुंच गई है. इन उद्योगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने से उत्पादन कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है. वहीं इन कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के सामने रोजगार का संकट मंडराने लगा है.
पूरे देश में इस समय ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है. ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना मरीज हॉस्पिटलों में दम तोड़ रहे हैं. कई राज्य इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसी परिस्थितियों में राज्य सरकार जिंदगी बचाने के लिए फैक्ट्रियों में दी जानी वाली ऑक्सीजन आपूर्ति को रोककर हॉस्पिटलों के लिए इंतजाम कर रही है. ऐसे में ऑक्सीजन की सप्लाई न होने के चलते कई फैक्ट्रियों में काम बंद हो गया है या होने वाला है.
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खासकर एसी बनाने वाली कंपनियों के पास ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पा रही है. वर्तमान समय में इनके पास मात्र एक या दो दिन की ही ऑक्सीजन बची हुई है. एयर कंडीशनर को सप्लाई करने वाले इन बड़े उद्योगों की आपूर्ति बंद होने से उत्पादन ठप होने की कगार पर पहुंच गया है. जिससे इन कंपनियों में काम करने वाले आठ हजार से अधिक श्रमिकों और स्टाफ की रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ सकती है.
देहरादून के सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में एसी बनाने वाले दो सबसे बड़े उद्योग हैं. इन उद्योगों के पास कुछ ही दिनों का स्टॉक बचा है. ऐसे में यदि जल्द ही इन कंपनियों को ऑक्सीजन नहीं मिली तो ये फैक्ट्रियां भी वेटिलेंटर पर चली जाएंगी. ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण इनका उत्पादन ठप हो जाएगा.
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति न होने के चलते तमाम उद्योगों के सामने संकट खड़ा हो गया है. आने वाले कुछ दिन और इसी तरह के हालात बने रहे तो उनके सामने भारी संकट खड़ा हो जाएगा. अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने सरकार से मांग की है कि उद्योगों के लिए कम से कम कोटा निर्धारित किया जाए. ताकि उनका भी काम प्रभावित न हो.