देहरादून:प्रदेश में अक्सर अधिकारियों की मनमानी को लेकर आवाज उठती रहती है. कई बार अधिकारी जनप्रतिनिधियों के फरमान को ही अनदेखा कर देते हैं, जिससे पता चलता है कि अधिकारी विकास कार्यों को लेकर कितने संजीदा है. कुछ ऐसा ही उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की बैठक में भी देखने को मिला. समीक्षा बैठक में 37 विभागों को बुलाया गया था, लेकिन 30 के करीब ही विभागीय अधिकारी पहुंचे. इस पर आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और उपस्थित नहीं हुए उन विभागों से स्पष्टीकरण मांगा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 5, 2024, 9:50 AM IST
|Updated : Jan 5, 2024, 10:00 AM IST
अल्पसंख्यक आयोग की बैठक में कई विभागीय अधिकारी रहे नदारद, आयोग के उपाध्यक्ष ने मांगा स्पष्टीकरण
Minority Commission देहरादून में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग की बैठक में कई अधिकारी नदारद मिले. जिसके बाद आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने अपनी नाराजगी व्यक्त की. साथ ही मजहर नईम नवाब ने उपस्थित नहीं हुए उन विभागों से स्पष्टीकरण मांगा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को लाभ लाभार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए धरातल पर प्रयास किए जाने जरूरी है. उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपसी तालमेल से काम करते हुए अंतिम व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने की दिशा में काम किया जाए. उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ प्रचार प्रसार के साथ योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री हुनर योजना के तहत रोजगार परक कार्यक्रम का प्रशिक्षण देते हुए दुर्गम क्षेत्र के लोगों को जागरूक किए जाने के भी निर्देश दिए.
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इस दौरान उन्होंने पुलिस विभाग की समीक्षा करते हुए अल्पसंख्यक कल्याण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की जानकारी के साथ ही 2022-23 में दर्ज मुकदमों की जानकारी भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. इसके साथ ही अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष का कहना है कि सभी विभागों ने अपने-अपने स्तर से विकास के अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक योजना को पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस दौरान उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों से यह भी कहा है कि अपने विभाग से संचालित योजनाओं और योजनाओं से लाभान्वितों की सूची आयोग को उपलब्ध कराई जाए.