उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

Dhami Sarkar 2.0: 23 मार्च को एक साल होंगे पूरे, सरकार ने लिए कई ऐतिहासिक फैसले, विवादों ने भी घेरा

धामी सरकार 2.0 का एक साल का कार्यकाल 23 मार्च को पूरा होने वाला है. इस एक साल के दौरान धामी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. धामी सरकार के इन फैसलों ने जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता बढ़ाई. वहीं, इस एक साल में कई मौके ऐसे आये जब धामी सरकार के फैसलों पर सवाल खड़े किये गये.

Dhami government in one year
बेमिसाल रहा धामी सरकार 2.0 का एक साल

By

Published : Mar 20, 2023, 9:01 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 4:43 PM IST

सरकार ने लिए कई ऐतिहासिक फैसले तो विवादों ने भी घेरा.

देहरादून: प्रदेश की धामी 2.0 सरकार एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. जिसको एक साल का वक्त पूरा हो रहा है. यह पूरा साल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं रहा. खटीमा विधानसभा सीट से सीएम धामी के चुनाव हारने के बाद भी धामी को प्रदेश की कमान सौंपी गई. इसके बाद अगले 6 महीने के भीतर किसी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचना पुष्कर सिंह धामी के लिए चुनौती बना. जिससे वे बखूबी निपटे. इसके बाद सीएम धामी ने एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए हैं.

धामी सरकार के बड़े फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में पिछले साल बीजेपी ने चुनावी अखाड़े में विरोधी दलों को चुनौती दी. 14 फरवरी को मतदान हुआ. 10 मार्च को नतीजे आए. सीएम धामी के नेतृत्व में बीजेपी ने 70 विधानसभा सीट वाले राज्य में दो तिहाई बहुमत के साथ 47 सीटें हासिल की. इस चुनाव में खुद मुख्यमंत्री ने अपनी सीट गंवा दी. जिसके बाद संगठन पूरी तरह से असहज हो गया. बावजूद इसके चुनौतियों के बीच पुष्कर सिंह धामी को संगठन ने मुख्यमंत्री की कमान सौंपी. 23 मार्च 2022 को 8 मंत्रियों के साथ सीएम धामी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

धामी सरकार के सामने चुनौतियां

पढे़ं-धामी सरकार के एक साल पूरा होने पर पीएम मोदी लेंगे विधायकों की 'क्लास', संगठन ने भी की खास तैयारियां

कमान संभालते ही यूसीसी कमेटी का किया गठन:23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सीएम धामी की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड को मंजूरी दी गई. इसके बाद 27 मई 2022 को राज्य सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार किए जाने को लेकर सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कमेटी में दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज प्रमोद कोहली, पूर्व मुख्यसचिव शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ के साथ ही कुलपति दून विश्वविद्यालय सुरेखा डंगवाल को शामिल किया गया. अभी यह कमेटी यूसीसी के लिए मसौदा तैयार कर रही है.

सीएम धामी ने जीता चंपावत उपचुनाव:खटीमा विधानसभा सीट से मिली करारी हार के बाद अब सीएम धामी को अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता लेना अनिवार्य था. सीएम धामी के लिए कई विधायकों ने अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की. बावजूद इसके सीएम धामी ने चंपावत विधानसभा सीट को चुना. वहां के तत्कालिक विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपना इस्तीफा दिया. चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 94 फ़ीसदी मत हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की.

पढे़ं-One Year Of Dhami Government: धामी सरकार के एक साल का जश्न मनाएगी बीजेपी, कांग्रेस ने साधा निशाना

धामी के नेतृत्व में हरिद्वार पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत:चंपावत उप चुनाव जीतने के बाद सीएम धामी के लिए हरिद्वार पंचायत चुनाव बड़ी चुनौती था. इसके लिए सीएम धामी ने हरिद्वार के कई दौरे किये. संगठन पर काम किया. जिसके बाद भाजपा संगठन ने हरिद्वार पंचायत चुनाव में भी ऐतिहासिक जीत दर्ज की. राज्य गठन के बाद पहली बार भाजपा ने जिला पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया. हरिद्वार की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा 14 सीटें, बसपा को 6 सीटें, कांग्रेस को 5 सीटें, आप को 1 सीट, राष्ट्रीय लोकजन पार्ट को एक सीट मिली. 17 सीटों पर निर्दलीय काबिज हुए.

विधानसभा बैकडोर भर्ती मामला: विधानसभा में बैकडोर के माध्यम से हुई भर्ती मामले पर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने एतिहासिक फैसला लेते हुए विधानसभा में 2016 से 22 तक की तदर्थ 228 नियुक्तियों के बाद बर्खास्त कर दिया. जिसके बाद अब सरकार के लिए ये बर्खास्त कर्मचारी एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं. इन बर्खास्त कर्मचारियों का प्रदर्शन लगातार जारी है. साथ ही राज्य सरकार से 2016 से पहले भी हुई तदर्थ नियुक्तियों को भी बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.

पढे़ं-EXCLUSIVE: ईटीवी भारत से CM धामी बोले- प्रदेश के संकल्प को पूरा करेगा ये बजट

महिलाओं के लिए 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का फैसला:उत्तराखंड सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा और महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने को लेकर बड़ा फैसला देते हुए तत्कालिक सीएम ने 2006 में राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने का शासनादेश जारी किया था, लेकिन, 26 अगस्त 2022 को आरक्षण दिए जाने के शासन आदेश पर रोक लगा दी गई. इसके बाद 4 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. लिहाजा धामी सरकार ने 29 नवंबर 2022 को महिलाओं को आरक्षण दिए जाने को लेकर विधानसभा के सदन में विधेयक को पेश किया. जिसे 30 नवंबर को सर्वसम्मति से पारित करने के बाद राजभवन भेज दिया गया. फिर 10 जनवरी 2023 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन गया.

धामी सरकार लाई जबरन धर्मांतरण पर सख्त कानून: उत्तराखंड के तमाम हिस्सों से लगातार आ रहे जबरन धर्मांतरण मामले को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने जबरन धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाए जाने का निर्णय लिया. जिसके तहत उत्तराखंड सरकार ने जबरन धर्मांतरण पर सख्त कार्रवाई किए जाने को लेकर उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक, 2018 में संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को विधानसभा सदन में पारित कराया. जिसके बाद राजभवन भेजा गया. जिसे 2022 को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया. उन्हें जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.

पढे़ं-Uttarakhand Budget of 2023: उत्तराखंड की धामी सरकार ने पेश किया 77,407 करोड़ का बजट, स्वरोजगार के लिए 40 हजार करोड़

धामी सरकार ने बनाया सख्त नकल विरोधी कानून: उत्तराखंड में लगातार सरकारी भर्ती परीक्षाओं में आए धांधली के मामले में उत्तराखंड राज्य की छवि को देशभर में भर्ती घोटाला प्रदेश के रूप में प्रदर्शित करने लगा. जिसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने भविष्य में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धांधली के मामले सामने ना आए इसके लिए उत्तराखंड नकल विरोधी कानून बनाया. सरकार ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश, 2023 मंजूरी देने के साथ ही राजभवन भेजा गया. मात्र 24 घंटे के भीतर ही राजभवन से इस अध्यादेश पर सहमति दी. यह कानून के रूप में लागू हो गया. इस कानून में आजीवन कारावास के साथ ही 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है.

आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण पर फैसला:उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में दस फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिए जाने को लेकर साल 2004 में तत्कालिक मुख्यमंत्री ने शासनादेश जारी किया था. जिस पर करीब पांच साल पहले हाईकोर्ट ने आरक्षण के जीओ और सर्कुलर को खारिज कर दिया था. जिसके बाद धामी सरकार ने आंदोलनकारियों के मांगों पर इसे बहाल करने का निर्णय लिया. विधेयक को मंजूरी दे दी. विधेयक में संशोधन को लेकर सरकार ने राजभवन में लंबित आरक्षण विधेयक को सितंबर, 2022 में वापस ले लिया. साथ ही दिसंबर 2022 में कैबिनेट की बैठक में विधेयक के संशोधन प्रस्ताव को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन कर दिया गया. जिसके बाद सब कमेटी के सुझावों को 14 मार्च को हुए मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी देते हुए राजभवन भेजने पर सहमति दी.

पेपर लीक मामले में 80 से ज्यादा लोगों की हुई गिरफ्तारी: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिन-जिन सरकारी भर्तियों में धांधली के मामले सामने आए उन सभी भर्तियों के जांच करने के आदेश दिए. यही नहीं यूकेएसएसएससी पेपर लीक के बाद उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग में भी धांधली के मामले सामने आए. जिसकी परीक्षाएं रद्द करते हुए जिन-जिन भर्तियों में धांधली के मामले सामने आए उन सभी में जांच कराते हुए अब तक करीब 80 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसी बीच युवाओं का भविष्य खराब ना हो इसके लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भी नया कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए. अभी तक कई परीक्षाएं भी कराई गई हैं.

पढे़ं-धामी सरकार 2.0 में इन फैसलों पर रही सबकी नजर

बेरोजगारों पर हुई लाठीचार्ज में दर्ज मुकदमे में सरकार का बड़ा फैसला: उत्तराखंड में हुए भर्ती परीक्षा घोटाले की सीबीआई जांच समेत अन्य मामले को लेकर 9 फरवरी 2022 को बेरोजगार युवाओं ने देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे हजारों की संख्या में युवाओं ने जहा एक ओर पथराव किया. दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने युवाओं पर लाठियां भी भांजी. जिसके बाद अगले दिन 10 फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाठीचार्ज मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए. यही नहीं, आगामी परीक्षाओं में भाग लेने वाले युवाओं की समस्याओं को देखते हुए बजट सत्र के दौरान 16 मार्च 2022 को सीएम धामी ने इनके मुकदमें को वापिस लेने की घोषणा भी की.

कई उपलब्धियां और फैसले ऐसे रहे जिन्होंने धामी सरकार को जनता की पंसद बनाया. वहीं, इस एक साल में कई ऐसे मौके आये जब धामी सरकार बैकफुट पर नजर आई. विधानसभा भर्ती घोटाला इसमें सबसे पहला मामला रहा. विधानसभा भर्ती घोटाला मामले में प्रेमचंद अग्रवाल का नाम सामने आया. जिसके बाद धामी सरकार ने इस मामले में कार्रावाई. इसके बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) भर्ती परीक्षा मामले में भी धामी सरकार की खूब किरकिरी हुई. भर्ती परीक्षा गड़बड़ी मामले में भी धामी सरकार बैकफुट पर नजर आई. इस मामले में सरकार ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पहले मुकदमे किये. उसके बाद उन्हें वापस भी लिया.

इस मामले के बाद पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर धामी सरकार बेबस दिखी. अपने ही संगठन के मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आने के बाद धामी सरकार शुरूआती मामले में खुल कर कार्रवाई करने से बचती रही लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए धामी सरकार ने अंकिता के परिवार को मदद का आश्वासन दिया. साथ ही इस मामले में सरकार और संगठन की ओर से कार्रवाई की. इसके बाद धामी सरकार पटवारी भर्ती मामले में गड़बड़ी मामले पर जबरदस्त घिरी.

पटवारी पेपर लीक मामले समेत दूसरी भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग कर रहे युवाओं पर पर देहरादून में लाठीचार्ज हुआ. जिसके बाद उनपर मुकदमे दर्ज किये गये. इससे धामी सरकार युवाओं के निशाने पर आई. युवाओं के विरोध को देखते हुए धामी सरकार प्रेशर में दिखी. जिसका नतीजा आखिर में धामी सरकार को युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पड़े.

समय में सरकार के सामने है कई बड़ी चुनौतियां: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल को 1 वर्ष का समय पूरा हो रहा है. इस साल मुख्यमंत्री धामी ने कई बड़े फैसले लिए. वर्तमान समय में सीएम धामी के लिए कई बड़ी चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं. जिसमें मुख्य रूप से अंकिता भंडारी हत्याकांड मामला प्रमुख है. जिसमें विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को जमकर घेर रहा है. यही नहीं केदार भंडारी लापता मामला में भी सरकार की काफी फजीहत हुई है. यही नहीं, हल्द्वानी के बनभूलपुरा अतिक्रमण मामले पर भी राज्य सरकार पर तमाम तरह के सवाल खड़े हुए. जोशीमठ भू-धंसाव मामला, प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर रणनीति बनाना अभी भी धामी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.

पढे़ं- एक साल में ही अपनों के निशाने पर धामी सरकार, तीरथ से लेकर त्रिवेंद्र के बयानों ने खड़ी की परेशानी

मंत्रिमंडल के खाली पदों को भरना, दायित्वों का बंटवारा भी चुनौती: धामी 2.0 सरकार के कार्यकाल को एक साल का वक्त पूरा होने वाला है. सालभर बीतने के बाद धामी सरकार में 3 मंत्रियों के पद खाली है. साथ ही लंबे समय से दायित्वों का भी बंटवारा नहीं किया गया है. 23 मार्च को सीएम धामी के शपथ ग्रहण के बाद से ही चर्चा चल रही थी कि जल्द ही खाली पड़े मंत्रिमंडल के पदों और दायित्वों का बंटवारा कर दिया जाएगा. इस एक साल के भीतर कई मर्तबा ऐसी चर्चाएं समय-समय पर उठती रही, बावजूद इसके अभी तक ना तो तीन खाली पड़े मंत्रिमंडल के पदों को भरा जा सका है और ना ही दायित्वों का बंटवारा हो पाया.

आने वाले समय में सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां: आने वाले समय में धामी सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां आने वाली हैं. जिसमें मुख्य रूप से अगले महीने 22 अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम की यात्रा है. चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसके साथ ही आगामी पंचायत चुनाव, निकाय चुनाव, को-ऑपरेटिव चुनाव के साथ ही साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. लोकसभा चुनाव के लिए सरकार और संगठन ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं.

पढे़ं-सरकारों की उदासीनता से वीरान पड़ा करोड़ों की लागत से बना खूबसूरत विधानसभा भवन, जानें क्या है खासियत

उपलब्धियां गिनाएगी भाजपा, जनता के बीच आरोप पत्र ले जाएगी कांग्रेस:सरकार और संगठन इस एक साल के कार्यकाल में किए गए कामों की विकास पुस्तिका का विमोचन कर आम जनता को बतानें का काम करेगी. बीजेपी संगठन भी 25 मार्च से 31 मार्च तक सरकार के कामकाज का पत्रक जनता तक पहुंचाने के लिए बृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करेगी. इसी के साथ कांग्रेस भी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की विफलताओं का आरोप पत्र तैयार कर रही है. जिसे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष 23 मार्च को जनता के सामने रखेंगे. इस आरोप पत्र में लॉ एंड ऑर्डर समेत तमाम मुद्दों को शामिल किया गया है.

धामी 2.0 सरकार के एक साल का वक्त पूरा होने पर सूचना विभाग की ओर से भी प्रदेश भर में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. डीजी सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश का मुख्य कार्यक्रम देहरादून में आयोजित किया जाएगा. प्रदेश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा विधानसभा और ब्लॉक स्तर पर बहुउद्देशीय शिविर और चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे. ये शिविर 23 मार्च से अगले एक हफ्ते तक जनसेवा शिविर के रूप में मनाया जायेगा.

Last Updated : Mar 22, 2023, 4:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details