देहरादून: उत्तराखंड की एथलीट खिलाड़ी मानसी नेगी ने मंगलवार (14 मार्च) को तमिलनाडु में नेशनल यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में 20 किलोमीटर वॉक रेस में गोल्ड मेडल जीता. जिसके बाद पूरे प्रदेश की तरफ से मानसी को बधाइयां दी जा रही हैं. लेकिन मानसी ने अपने सोशल मीडिया पर सरकार की तरफ से लगातार मिल रही निराशा को साझा किया है.
मानसी के गोल्ड मेडल जीतने से सब खुश: उत्तराखंड की एथलीट खिलाड़ी मानसी नेगी ने एक बार फिर से उत्तराखंड का नाम रोशन कर तमिलनाडु में चल रही राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स मीट में गोल्ड मेडल हासिल किया है. मानसी ने 20 किलोमीटर वॉक रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया है. इससे पहले भी मानसी नेगी राष्ट्रीय स्तर पर कई मुकाम हासिल कर चुकी हैं. मंगलवार को गोल्ड मेडल जीतने के बाद पूरे प्रदेश की तरफ से उन्हें बधाइयां दी जा रही हैं. मानसी नेगी की इस उपलब्धि को लेकर हर कोई खुश है.
मानसी ने कहा मुझे बधाई के साथ नौकरी चाहिए: इसके उलट मानसी नेगी ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद जहां एक तरफ अपने सारे प्रशंसकों और चाहने वालों का आभार व्यक्त किया है और गोल्ड मेडल जीतने की खुशी जाहिर की तो वहीं उन्होंने ऐसा ट्वीट किया जो सोचने को मजबूर कर रहा है कि खिलाड़ी कितने उपेक्षित हैं. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से नौकरी की मांग की है. मानसी नेगी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि उनके द्वारा तीन बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की गई है. लेकिन अभी तक उनकी नौकरी को लेकर कोई ठोस जवाब सरकार की तरफ से उन्हें नहीं मिला है.
सोशल मीडिया के जरिए मानसी नेगी ने मांगी नौकरी. उत्तराखंड में नहीं मिला सपोर्ट तो पंजाब की यूनिवर्सिटी ने दी फ्री एजुकेशन: उत्तराखंड के चमोली जिले से आने वाली मानती नेगी के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मां गांव में रहती हैं. मानसी का भाई भी एक छोटी-मोटी नौकरी देहरादून में करता है. मानसी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते देहरादून में मौजूद रायपुर स्पोर्ट्स स्कूल से पास आउट हैं. मानसी नेगी ने उत्तराखंड के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में रहते कई मुकाम हासिल किए.
उत्तराखंड सरकार ने नहीं किया सपोर्ट: लेकिन जब वह स्कूल से पास आउट हुईं तो उच्च शिक्षा के साथ-साथ उसे खेल में भी सपोर्ट उत्तराखंड में नहीं मिला. मानसी गरीब परिवार से आती हैं, लिहाजा उसके एथलेटिक्स में उज्ज्वल भविष्य के नाते उत्तराखंड सरकार या फिर उत्तराखंड के किसी शिक्षण संस्थान को मानसी की मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए था. लेकिन मानसी का आरोप है कि उत्तराखंड में उसे किसी का सपोर्ट नहीं मिला.
पंजाब की यूनिवर्सिटी से पढ़ रही हैं मानसी: मानसी के अनुसार पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी ने उनकी शिक्षा का जिम्मा उठाया. मानसी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी उन्हें फ्री शिक्षा देती है. बदले में वह पंजाब की यूनिवर्सिटी के लिए एथलेटिक्स में प्रतिभाग करती हैं. यूनिवर्सिटी के लिए खेलती हैं. मानसी नेगी भले ही पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी के लिए खेलती हैं, लेकिन उसका लगाव आज भी उत्तराखंड से है. लिहाजा वह चाहती हैं कि वह अपना कैरियर उत्तराखंड में सेट करें, जिसके लिए वह उत्तराखंड सरकार से सरकारी नौकरी की मांग कर रही हैं.
तीन बार सीएम धामी से मिल चुकी हैं मानसी: मानसी ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि वह 3 बार इस दौरान मुख्यमंत्री से मिल चुकी हैं. उसने तीनों बार मुख्यमंत्री से नौकरी के संबंध में बातचीत की. वह चाहती हैं कि वह उत्तराखंड में सेटल होकर उत्तराखंड के खिलाड़ियों को सपोर्ट करें. उनके लिए एक प्रेरणास्रोत बने. इसके अलावा उन्होंने खेल मंत्री को लेकर भी टिप्पणी की. मानसी ने कहा कि खेल मंत्री के माध्यम से भी उनके लिए ना तो कभी कोई सहयोग दिया गया और ना ही मुलाकात की गई.
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खेल मंत्री से भी मिली उपेक्षा: मानसी ने बताया कि सिर्फ एक कार्यक्रम के दौरान खेल मंत्री रेखा आर्य ने उन्हें कुछ पुरस्कार दिया था. उसके अलावा खेल मंत्री द्वारा उनसे कोई भी बातचीत नहीं की गई. मानसी बताती हैं कि वह गरीब परिवार से हैं और अपने परिवार के लिए उत्तराखंड में रहकर ही कुछ करना चाहती हैं. लिहाजा उत्तराखंड सरकार से मानसी ने गुहार लगाई है कि उत्तराखंड में खिलाड़ियों के उज्ज्वल भविष्य और उत्तराखंड का राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए उत्तराखंड सरकार उन्हें उत्तराखंड में ही नौकरी दे. ताकि वह उत्तराखंड में रहकर ही अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकें.