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उत्तराखंड में तेजी से कम हुए इस जानलेवा बीमारी के मामले, स्वास्थ्य महकमे की मुस्तैदी से हो पाया मुमकिन - कोरोना वायरस

देश में समय के साथ-साथ ऐसी कई बीमारियां आई, जो लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई. एक समय मलेरिया का प्रकोप भी लोगों के लिए खौफ की वजह बना. लेकिन अब उत्तराखंड इस बीमारी से निजात पाने की दिशा में बढ़ चला है. देखिये रिपोर्ट...

amit upreti
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Published : Apr 27, 2020, 5:47 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 9:23 PM IST

देहरादून: यूं तो बीमारी के रूप में दुनिया ने कोरोना वायरस जैसा खौफ कभी नही महसूस किया. लेकिन समय-समय पर कई जानलेवा बीमारियां लोगों के लिए खौफ की वजह बनती रही. इन्ही में से एक मलेरिया की दहशत को लोग देख चुके हैं. लेकिन समय बीतने के साथ अब वही जानलेवा मलेरिया बेहद कमजोर हो गया है.

उत्तराखंड में कम हुए मलेरिया के मामले

उत्तराखंड में तो पिछले 5 सालों में मलेरिया के मामलों में 80 फ़ीसदी तक की कमी आई है. राज्य में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले में रिकॉर्ड किए गए हैं.

आंकड़ों से जानिए, साल दर साल मलेरिया कैसे उत्तराखंड में कमजोर होता चला गया-

साल मलेरिया के कुल रिकॉर्ड मामले
2015 1466
2016 961
2017 504
2018 409
2019 296


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साल 2020 में मलेरिया के कुल रिकॉर्ड मामलों में और भी ज्यादा गिरावट आने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल, मलेरिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जिस मुस्तैदी से काम किया है, उसके बाद मलेरिया पर काबू पाने में कामयाबी हासिल हो सकी है. इस बार भी फॉगिंग कराए जाने समेत तमाम मलेरिया से जुड़ी तैयारियां की जा रही है. ताकि इस आंकड़े को शून्य तक लाया जा सके.

Last Updated : Apr 27, 2020, 9:23 PM IST

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