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झाझरा बिजलीघर में लगी आग, चमोली जैसा हादसा होते-होते टला, जिम्मेदारी लेने के बजाय UPCL-PITCUL आये आमने सामने

चमोली में करंट लगने से 16 लोगों की जान चली गई थी. लेकिन इस हादसे से उत्तराखंड के जिम्मेदार विभागों ने कोई सबक नहीं लिया है. ठीक चमोली की तरह की घटना देहरादून के झाझरा बिजलीघर में भी हुई. गनीमत रही कि तीन दिन पहले हुई झाझरा की घटना के दौरान वहां पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी. अब संबंधित विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं.

Major fire broke out at Jhajhra
झाझरा बिजलीघर आग

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Published : Jul 25, 2023, 11:17 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 11:59 AM IST

झाझरा बिजलीघर में लगी आग

देहरादून: चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट साइट पर हुए हादसे ने राज्य में विद्युत सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. 3 दिन पहले ही एक ऐसी ही घटना भी हुई थी जिसने देहरादून में भी बड़े हादसे को दावत दे दी थी. हालांकि गनीमत यह रही कि घटनास्थल पर ऊर्जा विभाग का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इस कारण किसी की जिंदगी घटना में नहीं गई.

झाझरा बिजलीघर में लगी आग: मामला झाझरा बिजली घर का है. यहां आग की लपटों से आसपास के लोगों में दहशत फैल गई. बड़ी बात यह है कि 3 दिन गुजरने के बाद भी अब तक इस मामले में किसी की जिम्मेदारी तक तय नहीं हो पाई है. उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ पिटकुल घटना को लेकर आमने-सामने आते दिखाई दे रहे हैं.

चमोली की घटना से नहीं लिया सबक! उत्तराखंड में विद्युत सुरक्षा को लेकर लगातार नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसके पीछे की वजह चमोली में अलकनंदा पर बने नमामि गंगे प्रोजेक्ट में करंटलगने से 16 लोगों की जान जाना है. आपको जानकर हैरानी होगी कि चमोली में हुई घटना के अलावा देहरादून में भी एक ऐसी घटना हुई, जिसके कारण लोगों की जान भी खतरे में पड़ सकती थी. दरअसल झाझरा के 220 केवी उपकेंद्र पर आग लगने की ऐसी घटना हुई जिसके कारण आसपास खौफ का माहौल बन गया था.

झाझरा बिजलीघर के ब्रेकर जलकर हुए खाक: 3 दिन पहले हुई इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया, जो बेहद डराने वाला था. इस घटना में बिजली घर में ब्रेकर जलकर राख हो गए थे. इसके बावजूद आग की तेज लपटें दिखाई देती रहीं. खबर है कि इस मामले में सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम ने यूपीसीएल और पिटकुल के प्रबंध निदेशकों को बुलाकर इसका जवाब मांगा है.

झाझरा हादसे में किसी की जिम्मेदारी नहीं हुई तय: सबसे बड़ी बात यह है कि 3 दिन गुजरने के बाद भी अब तक इस पर जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकी है. ना ही किसी पर कोई कार्रवाई की गई है. इससे भी बड़ी बात यह है कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड इस मामले में उपकेंद्र पिटकुल का होने और यहां सुरक्षा पर्याप्त नहीं होने के कारण घटना होने की बात मान रहा है. उधर पिटकुल सेलाकुई फीडर में फॉल्ट होने के कारण बिजली घर में बार-बार ट्रिपिंग की समस्या होने के बाद उसे ना बदले जाने को वजह मान रहा है.

सवालों के घेरे में पिटकुल की कार्यप्रणाली: झाझरा उपकेंद्र पर हुई इस घटना में बिजली विभाग का कोई भी कर्मचारी आस पास नहीं था. नहीं तो इसमें कर्मचारियों की जान पर भी बन सकती थी. कहा जा रहा है कि लाइन में फॉल्ट होने के कारण ही ऐसा हुआ. हालांकि इसके बावजूद ब्रेकर में ट्रिप क्यों नहीं हुआ यह भी एक बड़ा सवाल है. इसी वजह से पिटकुल की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है.
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पिटकुल के प्रबंध निदेशक ने क्या कहा? पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने कहा कि लाइन में फॉल्ट आने के कारण झाझरा उपकेंद्र में आग लगने की घटना हुई है. फाल्ट के कारण कई बार ट्रिपिंग हो चुकी थी. ऐसे में ब्रेकर को बदले जाने की जरूरत थी, लेकिन यूपीसीएल की तरफ से इसके लिए पैसा नहीं उपलब्ध कराया गया. हालांकि इससे ज्यादा कुछ भी कहने से उन्होंने इनकार कर दिया. साथ ही कैमरे पर भी बात करने से मना कर दिया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 11:59 AM IST

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