देहरादूनःसाल 2017 के बहुचर्चित अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट कांड (Dehradun Kedney Case) का मुख्य आरोपी डॉक्टर अक्षय राउत को पुलिस ने दिसपुर (असम) से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अक्षय राउत के पिता, चाचा, भाई समेत 17 आरोपी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं. जबकि, आरोपी बीते 4 सालों से फरार चल रहा था. इतना ही नहीं आरोपी पहचान छुपाकर देश के अलग-अलग राज्यों में बड़े अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहा था.
बता दें कि 12 सितंबर 2017 को अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट कांड (Dehradun Kidney Racket) खुलासा हुआ था. जहां देहरादून के रायवाला क्षेत्र के अंतर्गत हरिद्वार रोड स्थित सेंचुरी गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किडनी रैकेट का धंधा चल रहा था. उस समय देश-विदेश में बड़ी संख्या में किडनी तस्करी की जा चुकी थी. पुलिस ने मामले में डॉ अक्षय राउत को छोड़ कर बाकी अन्य डॉक्टर अमित राउत, डॉक्टर सुषमा दास, डॉक्टर संजय दास, डॉक्टर जीवन राउत समेत 17 लोगों को मानव तस्करी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जबकि, मुख्य आरोपी अक्षय राउत फरार चल रहा था.
किडनी कांड का आरोपी अक्षय राउत गिरफ्तार. ये भी पढ़ेंःकिडनी कांडः SSP कार्यालय पहुंची पीड़िता, न्याय की लगाई गुहार
पुलिस के मुताबिक, किडनी कांड का मुख्य आरोपी अक्षय राउत (Amit Raut) उर्फ संतोष राउत असम के एक नामी अस्पताल में रिचर्ड लॉरेंस के नाम से अपनी MBBS और MS डिग्रियों के आधार पर प्रैक्टिस कर रहा था. इस बीच उत्तराखंड पुलिस को असम पुलिस से ही वांटेड के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद देहरादून के थाना रायवाला प्रभारी भुवन चंद्र पुजारी अपनी टीम के साथ सीधे असम पहुंचे. जहां दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया.
किडनी कांड का मुख्य आरोपी डॉक्टर अक्षय राउत पिछले 4 सालों से अपना नाम पहचान बदल-बदल कर हैदराबाद सहित तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और असम के कई राज्यों में प्रैक्टिस करता था. पुलिस ने आरोपी के ऊपर पुलिस ने 20 हजार रुपए का इनाम रखा था.
अंतरराष्ट्रीय किडनी कांड में गिरफ्तार आरोपीः
- डॉक्टर अक्षय राउत पुत्र सोमेश्वर उर्फ पुरुषोत्तम, निवासी- 29 डीएलएफ, फेस-1, गुड़गांव (हरियाणा).
- जीवन कुमार राउत पुत्र रामेश्वर उर्फ पुरुषोत्तम, निवासी- 102 एमजी रोड, गुड़गांव (हरियाणा).
- डॉक्टर संजय दास पुत्र छोटेलाल दास, निवासी- थाना फारबिसगंज, अररिया (बिहार).
- डॉ. सुषमा कुमारी पुत्री संजय दास, निवासी- जिला अररिया (बिहार).
- जावेद खान पुत्र सरवर खान, निवासी- ग्रीन पार्क सोसायटी, सांताक्रूज वेस्ट मुंबई.
- सरला सेमवाल (नर्स), निवासी- टिहरी गढ़वाल.
- प्रमोद उर्फ बिल्लू पुत्र इंद्रपाल, निवासी- वाजिदपुर थाना बड़ौत (उत्तर प्रदेश)
- अभिषेक शर्मा पुत्र राधेश्याम शर्मा, निवासी- राजमंडी कनखल (हरिद्वार).
- जगदीश कुमार पुत्र कांजीभाई, निवासी- 62 विनायक रेजिडेंसी, सूरत (गुजरात).
- राजीव चौधरी पुत्र सुरेंद्र सिंह, निवासी- आदर्श नगर बागपत (उत्तर प्रदेश).
- अनुपमा चौधरी, निवासी- नेचर विला, लाल तप्पड़ (देहरादून).
- डॉ. अशोक योगी पुत्र ओमनाथ योगी, निवासी- डोईवाला, देहरादून.
- चंदना गुड़िया, निवासी- हावड़ा, पश्चिम बंगाल.
- सत्येंद्र कुमार बालियान पुत्र सोमपाल, निवासी- बुढ़ाना, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश).
- अंकित बालियान पुत्र सोमपाल, निवासी- बुढ़ाना, जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश).
- अरुण कुमार पांडे पुत्र मालिक, निवासी- गोमतीनगर, उत्तर प्रदेश.
- श्रीनिवास चौहान, निवासी- चंद्र शेखर नगर, ऋषिकेश.
- पुरुषोत्तम, निवासी- 29 डीएलएफ, फेस-1, गुड़गांव (हरियाणा).
मास्टरमाइंड पर ED समेत देशभर में कई मुकदमे दर्ज:एसएसपी जन्मेजय खंडूरी के मुताबिक किडनी कांड का मुख्य आरोपी डॉक्टर अक्षय राउत एमबीबीएस और एमएस की डिग्री प्राप्त है. आरोपी अक्षय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति में केंद्रीय एजेंसी ईडी के 11 मामले दर्ज हैं, जबकि देश के अलग-अलग राज्यों में किडनी तस्करी जैसे मामलों में भारी संख्या में मुकदमे दर्ज हैं.
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देहरादून पुलिस की ओर से भी इस रैकेट के सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर के मामले पहले ही दर्ज है. इस किडनी कांड में पहले ही 4 चार्जशीट कोर्ट में दी जा चुकी है और अब मुख्य आरोपी डॉ. अक्षय की गिरफ्तारी के बाद इस केस की आगे की जांच पूरी की जाएगी. जिसके लिए आरोपी को पुलिस कस्टडी में लिया गया और पूछताछ की जा रही है.
टूरिस्ट वीजा पर विदेशी मरीजों को यहां बुलाकर किया जाता था किडनी प्रत्यारोपणः डॉक्टर अमित राउत और अक्षय राउत का नेटवर्क सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी फैला हुआ था. रैकेट के इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि टूरिस्ट वीजा पर विदेशी मरीजों यहां बुलाए जाता था. फिर मोटी रकम वसूल कर किडनी प्रत्यारोपण किया जाता था. इस बहुचर्चित किडनी रैकेट गैंग बाप-बेटे अक्षय और पुरुषोत्तम समेत परिवार के कई लोग मिलकर दून ही नहीं, बल्कि गुरुग्राम, पंचकूला में भी किडनी प्रत्यारोपण का अवैध काम कर चुके थे.
सैकड़ों लोगों की निकाल चुके किडनीःरायवाला के थानाध्यक्ष भुवन चंद्र पुजारी ने बताया कि अक्षय राउत पहले मुंबई में किडनी निकालने का काम करता था. उसके बाद दिल्ली-गुरुग्राम में उसने मानव तस्करी काम शुरू किया. वहां पर कुछ समय में उसके कारनामें का पर्दाफाश होने पर उसने देहरादून एयरपोर्ट के नजदीक सेंचुरी गंगोत्री चैरिटेबल अस्पताल को अपना ठिकाना बनाया. यहीं पर किडनी निकालने का काम शुरू किया. आरोपी अक्षय यहां किडनी की तस्करी कर उसे विदेशों में 70 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक में बेचता था.