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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव, महाराष्ट्र राजभवन के 18 कर्मचारी संक्रमित

महाराष्ट्र राजभवन में काम करने वाला एक जूनियर ​इलेक्ट्रिशियन कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. इसके बाद राजभवन में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई गई. इन कर्मचारियों में से अब तक 55 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें से 18 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. राहत की बात ये है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पूरी तरह से स्वस्थ बताए जा रहे हैं.

भगत सिंह कोश्यारी
भगत सिंह कोश्यारी

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Published : Jul 12, 2020, 3:31 PM IST

देहरादून:महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. हालांकि महाराष्ट्र के राजभवन (राज्यपाल का निवास) के 18 कर्मचारी कोरोना संक्रमित निकले हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) इन सभी का दोबारा से परीक्षण करवाएगा. जानकारी के मुताबिक डेढ़ दर्जन लोगों को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी होम क्वारंटाइन हो गए थे. जानकारी के मुताबिक अगली सूचना तक किसी को भी राजभवन परिसर में जाने की अनुमति नहीं है.

राज्यपाल कोश्यारी ने टि्वट कर खुद जानकारी दी है कि वे उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. उन्होंने बताया है कि वे पूरी तरह से ठीक हैं और सेल्फ आइसोलेशन में नहीं हैं. उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया है, जिसका रिजल्ट नेगेटिव आया है. उन में कोरोना से कोई लक्षण नहीं है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं कोश्यारी

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं. साल 2000 में जब उत्तरांचल (अब उत्तराखंड) राज्य का गठन हुआ तो नित्यानन्द स्वामी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने थे. उत्तराखंड की उस पहली सरकार में कोश्यारी ऊर्जा, सिंचाई, कानून और विधायी मामलों के मंत्री बने थे.

इसके बाद 2001 में नित्यानन्द स्वामी की जगह कोश्यारी को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी. कोश्यारी प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे. 2007 से 2009 तक कोश्यारी ने उत्तराखंड में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली. इसके बाद वे 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे. 2014 में बीजेपी ने नैनीताल संसदीय सीट से उन्हें मैदान में उतारा और वह जीतकर पहली बार लोकसभा सदस्य चुने गए, लेकिन 2019 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. आरएसएस से भगत सिंह कोश्यारी की काफी नजदीकी होने के चलते मोदी सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी.

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