देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार से विधायक हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता हैं. भारतीय जनता पार्टी में पूर्व की सरकारों में वह कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. त्रिवेंद्र सरकार में सरकार के प्रवक्ता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उन्होंने संभाली, मगर आजकल वे बहुत ही असहज नजर आ रहे हैं. यह बात हम नहीं बल्कि कांग्रेस और हरिद्वार की राजनीति को बेहतर तरीके से जानने वाले जानकार कह रहे हैं.
यह चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि बीते एक साल में दर्जनों बार सीएम पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार का दौरा कर चुके हैं. इन तमाम कार्यक्रमों में स्थानीय विधायक और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक नदारद रहे हैं. ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हरिद्वार कार्यक्रम की रूपरेखा अचानक बनती है. कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यक्रम निर्धारित हो जाते हैं, लेकिन मजेदार बात यह है कि हरिद्वार जिले में जितने भी अब तक कार्यक्रम हुए हैं.
उसमें इक्का-दुक्का कार्यक्रमों को छोड़ दें तो प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक अधिकतर से गायब रहे. इन चर्चाओं को कांवड़ियों के सम्मान समारोह के बाद और बल मिला. जिसमें सीएम धामी हरिद्वार पहुंचे थे. स्थानीय विधायक होने के नाते मदन कौशिक को यह कार्यक्रम पहले ही कर देना चाहिए था लेकिन सुबे के मुख्यमंत्री होने के नाते पुष्कर सिंह धामी ने खुद वहां जाकर कांवड़ियों का स्वागत किया और उनके पैर धोए. साथ ही उनको गंगाजल भी भेंट किया. कैमरे की नजर एक बार फिर से भीड़ में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को ढूंढ रही थी. बीते 2 महीनों की ही बात करें तो लगभग 6 कार्यक्रम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के किए, जिसमें मदन कौशिक गायब ही नजर आए. अब यह बात कांग्रेस के नेता भी नोटिस कर रहे हैं.
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कांग्रेसी नेता मनीष कर्णवाल ने कहा बीजेपी के अंदर खाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उसका जीता जागता उदाहरण सीएम धामी का हरिद्वार दौरा और मदन कौशिक की गैरमौजूदगी है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इसके पीछे की वजह क्या है, यह तो मदन कौशिक और मुख्यमंत्री ही जानते हैं. लेकिन इससे शहर का भला तो कतई नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा एक विधायक हमेशा यह चाहता है कि मुख्यमंत्री उसके जनपद में आए.
उसके विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करे, लेकिन यहां सब उल्टा हो रहा है. दोनों नेताओं के बीच की दूरी का खामियाजा क्षेत्र की जनता भुगत रही है. हरिद्वार में जगह-जगह जलभराव और दूसरी समस्याओं को लेकर अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हरिद्वार में रहकर ही अवगत कराया जाएगा तो संभवत समस्याएं भी दूर होंगी, लेकिन ऐसी क्या वजह है कि दोनों नेता एक मंच पर हरिद्वार में दिखाई ही नहीं देते. ऐसा क्यों है, ये बड़ा सवाल है.