देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के नंबर दो के मंत्री मदन कौशिक की तल्खी प्रदेश की सुर्खियों में छाया हुआ है. मदन कौशिक ने मीडिया के सामने सचिव शैलेश बगौली सहित कई अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. हमेशा कूल रहने वाले मदन कौशिक को बहुत कम ही गुस्से में देखा गया है.
मदन कौशिक के शांत स्वभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उन्हें उत्तराखंड सरकार का प्रवक्ता बनाया है. मदन कौशिक पत्रकारों को अपने अलग अंदाज में सवालों का जवाब देते हैं. दरअसल, मदन कौशिक के विधानसभा क्षेत्र में हरिद्वार की कई ऐसी समस्याएं हैं, जो पीछे 20 सालों से जस की तस बनी हुईं हैं.
हरिद्वार की गलियों की स्थिति. हरिद्वार महाकुंभ 2021 को लेकर मदन कौशिक को समीक्षा बैठक करनी थी. इसमें सचिव पेयजल, सचिव स्वास्थ्य, सचिव पर्यटन, सचिव परिवहन को शामिल होना था. बताया जा रहा है कि बैठक की सूचना 4 दिन पहले ही मदन कौशिक के कार्यालय से सभी अधिकारियों को भेज दी गई थी. लेकिन आज जब मदन कौशिक सचिवालय में बैठक लेने पहुंचे तो वहां पर शैलेश बगौली के अलावा कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था. अधिकारियों की कुर्सी खाली देख मदन कौशिक का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. मीडिया की मौजूदगी में ही मदन कौशिक ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और बैठक छोड़कर चले गए.
हरिद्वार में जलभराव की समस्या. ये भी पढ़ें:महाकुंभ की बैठक में अधिकारियों से खफा मदन कौशिक, छोड़ी बैठक और निकल गए बाहर
मदन कौशिक का यह गुस्सा इसलिए भी था. क्योंकि हरिद्वार की खराब सड़कें, गलियों में गंदगी के अंबार और अन्य समस्याओं के चलते मेयर अनीता शर्मा और मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा लगातार मदन कौशिक को घेरते रहते हैं. इतना ही नहीं हरिद्वार के मुख्य चौराहे रानीपुर मोड़ पर मंत्री मदन कौशिक के पड़ोस में स्थित तमाम गली, मोहल्लों में आए दिन पानी भरा रहा है और मेयर प्रतिनिधि लगातार भीड़ के साथ पानी में खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
लापरवाही से गिरी हरकी पैड़ी की दीवार. इसके साथ ही हरकी पैड़ी में दीवार गिरने को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि भूमिगत विद्युत लाइन बिछाने में बरती गई लापरवाही के चलते हरकी पौड़ी की दीवार जमींदोज हो गई. ऐसे में हरिद्वार की जनता यह सवाल उठा रही है कि स्थानीय प्रतिनिधि और सरकार क्या कर रही है.
गलियों में कूड़े का अंबार. मदन कौशिक जानते हैं कि अगर जनता की नाराजगी बढ़ती रही तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. लिहाजा कौशिक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. ऐसे में उनकी नाराजगी से जनता में यह संदेश जरूर जाएगा कि हरिद्वार के विकास के लिए मदन कौशिक गंभीर हैं.