देहरादून: कोरोना की वजह से पिछले साल उत्तराखंड सरकार ने जो वित्तीय संकट (financial crisis) झेला था, उससे प्रदेश अभी उभरने की कोशिश कर ही रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर (second corona wave) ने इस वित्तीय वर्ष (financial year) के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. कोरोना की वजह से उत्तराखंड को लगातार दूसरे वित्तीय वर्ष (financial year) में नुकसान झेलना पड़ रहा है. उत्तराखंड के वित्त सचिव अमित नेगी की मानें तो वित्तीय वर्ष (financial year) (2021-22) में पहले ही दो महीने (अप्रैल-मई) में करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान (loss of one thousand crore rupees) हुआ है.
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कोरोना की दूसरी लहर (second corona wave) ने इस वित्तीय वर्ष (financial year) में काफी नुकसान (loss) पहुंचाया है. कोरोना की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने कोविड कर्फ्यू लगा रखा है. ऐसे में सभी तरह की गतिविधियां बंद हैं. इसकी वजह से प्रदेश को लगातार आर्थिक मोर्चे पर नुकसान झेलना पड़ रहा है.
शासन में वित्त विभाग लगातार राजस्व से होने वाले नुकसान का आकलन कर रहा है. प्रदेश को आबकारी, फॉरेस्ट, खनन और परिवहन से अच्छा खासा राजस्व मिलता था, लेकिन कोरोना की वजह से वो सब बंद पड़ा हुआ है. नुकसान का अभीतक पूरा फिगर का सामने नहीं आया है, लेकिन मोटे तौर पर प्रदेश को इस वित्तीय वर्ष (financial crisis) की शुरुआत में एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
वित्त सचिव अमित नेगी के अनुसार इस वित्तीय वर्ष के पहले महीने अप्रैल की बात करें तो प्रदेश को 200 से 300 करोड़ के राजस्व (revenue loss) में घाटा हुआ है. वहीं मई की बात की जाए तो सभी तरह की गतिविधियां बंद होने से 700 से लेकर 800 करोड़ का नुकसान हुआ है. इस तरह प्रदेश के अभीतक करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. प्रदेश में आर्थिक गतिविधि शुरू होती है तो प्रदेश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने का प्रयास किया जाएगा और धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी जाएगी.