देहरादून: अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के मौके पर देहरादून के भारतीय वानिकी अनुसंधान शिक्षा परिषद में वैज्ञानिकों ने वन्यजीवों और मानव जाति के बीच लगातार टकराव की स्थिति को बेहद खतरनाक बताया है. एक विशेष सेमिनार के दौरान वैज्ञानिकों ने जैव विविधता की हानि को अब मानव जाति के लिए बड़े खतरे का संकेत जताते हुए इस पर चिंता जाहिर की है. भारतीय वन वानिकी अनुसंधान के डायरेक्टर अरुण सिंह रावत के मुताबिक जिस तरह से वन्य जीव का विनाश मानव जाति के हस्तक्षेप के चलते बढ़ता जा रहा है, ये आने वाले दिनों में गंभीर परिणाम सामने ला सकता है.
उन्होंने बताया कि जैव विविधता के विनाश के लिए हम मानव जाति का वन जीव जंतुओं और उनके प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ लगातार गंभीर स्थिति पैदा कर रही है. ऐसे में वन्यजीवों और मानव के बीच गंभीर टकराव से स्थिति बिगड़ती जा रही है. जंगली जानवर उनके प्राकृतिक आवासों के नष्ट होने के कारण अब वह मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं. जो किसी भी बड़े खतरे से कम नहीं.
ऐसे में इस स्थिति को रोकने के लिए जैव विविधता का संरक्षण होना बेहद जरूरी हो गया है. डॉ. रावत द्वारा वैज्ञानिकों से चिंतन करते हुए बताया गया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहे वैश्विक समीकरण भी जैव विविधता के लिए घातक हैं. इसे रोकने के लिए जैव विविधता को जल्द संरक्षित कर तत्काल ही अन्य उपाय करने होंगे.