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मसूरी में तिब्बती समुदाय के नव वर्ष 'लोसर' का आगाज, जानें खासियत - Loser festival latest news

मसूरी में भी तिब्बती एवं भोटिया समाज का मुख्य पर्व लोसर धूमधाम के साथ शुरू हो गया है. पुराने साल की विदाई और नये साल का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया.

Losar festival of Tibetan and Bhotia tribe community started in Mussoorie
धूमधाम से शुरू हुआ तिब्बती-बौद्ध धर्म का लोसर पर्व

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Published : Feb 14, 2021, 3:17 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 4:50 PM IST

मसूरी: तिब्बती और भोटिया जनजाति समुदाय का नये साल का पर्व लोसर शुरू हो गया है. तीन दिनों तक चलने वाले इस पर्व को लेकर इस समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. पहले दिन तिब्बती समुदाय के लोगों ने बुद्ध मंदिर में पूजा अर्चना की.

बुद्ध मंदिर में पूजा अर्चना.

मान्यता है कि आज से भोटिया जनजाति का नया साल शुरू होता है. जिसे ये लोग आटे की होली खेल कर मनाते हैं. जिसके बाद ये सभी को शुभकामनाएं देते हैं. इस अवसर पर भोटिया समुदाय की महिलाएं पारंपरिक वेश भूषा धारण कर भगवान बुद्ध की पूजा करतीं हैं. जिसके बाद सभी लोग एक साथ पर जमा होकर इस त्योहार पर विशेष रूप से मनाने के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं.

तिब्बती समुदाय के नव वर्ष 'लोसर' का आगाज.

मसूरी में भी तिब्बती एवं भोटिया समाज का मुख्य पर्व लोसर धूमधाम के साथ शुरू हो गया है. पुराने साल की विदाई और नये साल का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया. तिब्बती समाज के लोगों ने हैप्पी वैली स्थित बुद्धा मंदिर और मलिंगार बुद्ध मंदिर में अन्न की पूजा अर्चना की. सुबह सात बजे से पूजा शुरू की गई जो दलाई लामा हिल पर खत्म हुई.

धूमधाम से शुरू हुआ लोसर.

लोसर तिब्बती भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ 'नया वर्ष' होता है. लोसर तिब्बत, नेपाल और भूटान का सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध पर्व (त्योहार) है. भारत के आसम और सिक्किम राज्यों में ये त्योहार विशेष तौर पर मनाया जाता है. लोसर तिब्बती बौद्ध धर्म में एक त्योहार है.इस त्योहार द्वारा बौद्ध एक तरह से नए साल का जश्न मनाते हैं.

मिठाइयां खिलाते लोग.

जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा देश-विदेश से टूरिस्ट्स हिस्सा लेने आते हैं. फेस्टिवल में लद्दाखी बौद्धजन घरेलू धार्मिक स्थलों पर या गोम्पा में अपने देवताओं को धार्मिक चढ़ावा चढ़ाकर खुश करते हैं. इसके अलावा इस महोत्सव में अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक प्रदर्शनी और पुराने रीति-रिवाजों का भी प्रदर्शन किया जाता है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 4:50 PM IST

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