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वनवास के दौरान जब यहां पड़े थे श्रीराम के चरण, रामकुंड जलाशय देता है गवाही

दीपावली के अवसर पर ईटीवी भारत मध्यप्रदेश लेकर आया है एक खास पेशकश 'राजाराम', जिसमें मिलेंगी भगवान राम के वनगमन से लेकर दीपोत्सव तक की ऐसी अनसुनी कहानियां जो मध्यप्रदेश से जुड़ी हैं. राम अपने वनवास के दौरान जहां भी गए, उनमें पौराणिक नगर महेश्वर भी शामिल है.

वनवास के दौरान जब पौराणिक नगरी महेश्वर में पड़े थे श्रीराम के चरण

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Published : Oct 21, 2019, 6:26 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 11:43 PM IST

खरगोन (मध्यप्रदेश): नर्मदा नदी के किनारे बसा यह खूबसूरत शहर अपने सुंदर और भव्य घाटों के लिए प्रसिद्ध है. यहां के घाटों पर बने कलात्मक मंदिर सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जो लोगों की आस्था का केंद्र हैं. यही वजह है कि मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी महेश्वर का उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है.

वनवास के दौरान जब पौराणिक नगरी महेश्वर में पड़े थे श्रीराम के चरण

भगवान राम ने 14 वर्ष के वनवास के दौरान अयोध्या से श्रीलंका तक का सफर तय किया था. इस दौरान वनवास के दौरान मध्यप्रदेश में भी भगवान राम रुके. माना जाता है कि जब श्रीराम वनवास पर निकले थे, तब उनके कदम नर्मदा किनारे बसी इस पौराणक नगरी में जिस जगह पड़े, वो धरा धन्य हो गई. इस बात की गवाही महेश्वर के उत्तर दिशा में मौजूद रामकुंड जलाशय देता है. किवदंती है कि 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम यहां रुके थे.

खरगोन जिले की पौराणिक नगरी महेश्वर का उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है. रामचरित मानस में मां नर्मदा को लेकर तुलसीदासजी ने एक चौपाई लिखी है, जिसमें नर्मदा नदी का सुंदर वर्णन किया गया है.

महेश्वर से 6 किलोमीटर दूर आज भी वह स्थल है, जहां महेश्वर के राजा रहे सहस्त्रबाहू ने अपनी शक्तियों से नर्मदा के वेग को रोक दिया था, जो सहस्त्रबाहू और रावण के बीच युद्ध का कारण भी बना. युद्ध के दौरान राजा सहस्त्रबाहू ने रावण को छह माह तक बगल में दबाकर बंदी बनाए रखा था. इस स्थल का जिक्र सुदंरकांड की एक चौपाई में भी किया गया है.

पुराणों में वर्णन है कि महेश्वर के तत्कालीन महाराज राज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन की रानियां रावण के दस शीशों पर दीपक जलाती थीं, क्योंकि राज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन को अति प्रिय थे. यही वजह है कि यहां मौजूद श्रीराज राजेश्वर सहस्त्रार्जुन मंदिर में अखंड ज्योति आज भी जल रही है.

Last Updated : Oct 21, 2019, 11:43 PM IST

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