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IAS उत्पल कुमार को अहम जिम्मेदारी, लोकसभा महासचिव का पदभार संभाला - उत्पल कुमार सिंह को बनाया गया लोकसभा महासचिव

उत्पल कुमार सिंह 1986 बैच के IAS अफसर हैं. उनकी गिनती देश के ईमानदार, निर्विवाद और साफ सुथरी छवि वाले अफसरों में होती हैं. वर्तमान लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के बाद उत्पल कुमार सिंह ने एक दिसंबर से पद संभाल लिया है.

IAS उत्पल कुमार
IAS उत्पल कुमार

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Published : Nov 30, 2020, 3:10 PM IST

Updated : Dec 1, 2020, 2:10 PM IST

देहरादून:लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को कैबिनेट सचिव की रैंक के साथ ही सेक्रेटरी जनरल लोकसभा और लोकसभा सचिवालय के रूप में नियुक्त किया है. आज (1 दिसंबर 2020) से उत्पल कुमार सिंह ने अपना पदभार संभाल लिया है. बता दें कि आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह उत्तराखंड के मुख्य सचिव रह चुके हैं.

उत्तराखंड से रिटायर होने के बाद उन्हें लोकसभा सचिव नियुक्त किया गया था. 30 नवंबर को वर्तमान लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के बाद उत्पल कुमार सिंह की नियुक्ति लोकसभा महासचिव के पद पर की गई है.

उत्पल कुमार सिंह ने अपनी 34 साल की सर्विस में यूपी के मुजफ्फरनगर और आजमगढ़ जैसे चुनौती भरे जिलों से लेकर पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में अपनी सेवाएं दी हैं. जून 2000 में उत्पल कुमार सिंह की पोस्टिंग सबसे पहले उत्तराखंड में बतौर कुमाऊं मंडल विकास निगम में मैनेजिंग डायरेक्टर हुई थी. राज्य स्थापना के बाद उन्हें नैनीताल जिले का डीएम बनाया गया, जहां उन्होंने तकरीबन सवा साल तक अपनी सेवाएं दी और इसके बाद उनकी पदोन्नति सचिव स्तर पर हो गई. साल 2002 में उत्पल कुमार सिंह को एमडी गढ़वाल मंडल विकास निगम बनाया गया.

पढ़ें-लोकसभा महासचिव का पद संभालेंगे उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह

सचिव स्तर पर पदोन्नति पाने के बाद आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को वर्ष 2003 में अर्धकुंभ मेला अधिकारी बनाया गया. उन्होंने अर्धकुंभ 2004 में सफलतापूर्वक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया. इस बीच को हायर स्टडी के लिये विदेश चले गये. वर्ष 2006 में उन्हें पीडब्ल्यूडी सचिव बनाया गया, उसके बाद जलागम सचिव. एक के बाद एक विभागों का अनुभव उन्हें उत्तराखंड में मिलता गया.

आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह की कुशल कार्यक्षमता और उनकी बेहतरीन कार्यशैली को देखते हुए उन्हें वर्ष 2012 में भारत सरकार में भेजा गया, जहां उन्होंने कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. यहां उन्हें पदोन्नति के बाद अपर सचिव बनाया गया और उसके बाद अक्टूबर 2017 में उत्तराखंड सरकार ने उन्हें वापस उत्तराखंड बतौर मुख्य सचिव बुला लिया. इसके बाद वह लगातार उत्तराखंड में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उत्तराखंड में चल रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने अपना एक जिम्मेदार अधिकारी उत्तराखंड भेजा था. मुख्य सचिव के तौर पर उन्होंने अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया.

Last Updated : Dec 1, 2020, 2:10 PM IST

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