देहरादून:राजधानी में पिछले एक हफ्ते में ही तापमान करीब सात डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है. सुबह और रात के समय लोगों को इस ठंड का सामना सबसे ज्यादा करना पड़ रहा है. खासतौर पर उन लोगों को जिन्हें सड़कों पर ही अपनी रात बितानी होती है. देहरादून में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तो अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से घटकर 21 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. दिन के समय गुनगुनी धूप राहगीरों को कुछ राहत तो दे देती है, लेकिन रात का वक्त हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में बिताना बेहद मुश्किल हो जाता है.
ऐसे वक्त में याद उस सरकार की आती है, जिसे वोट देकर गरीबों की ऐसी ही कठिनाइयों को दूर करने के लिए सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाया गया. ईटीवी भारत ने अपने रियलिटी चेक के दौरान ब्लोअर की गर्म हवा से सर्दी को दूर कर रहे कमरों में बैठे अधिकारियों और राजनेताओं की इसी जिम्मेदारी को दिखाने की कोशिश की है.
देहरादून में करीब 20 चौक चौराहों से ज्यादा जगह पर नगर निगम अलाव की व्यवस्था करता है. इसके अलावा सर्दियों में जिला प्रशासन की तरफ से कंबल भी वितरित किए जाते हैं. लेकिन इस बार अलाव की व्यवस्था तो की जा रही है, लेकिन समय से नहीं. जिला प्रशासन द्वारा कंबल वितरण जैसा कोई काम नहीं किया गया है. चौक चौराहों पर बैठे बेसहारा लोगों ने इस बात की तस्दीक की है कि सरकार का कोई भी प्रतिनिधि सर्दी के इस मौसम में राहत देने के लिए नहीं पहुंचा है. आंखों में आंसू लिए बाबा भोले हरिद्वार से देहरादून तो पहुंचे. लेकिन यहां पर बेतहाशा बढ़ती ठंड ने उनकी परेशानियों को बढ़ा दिया.
बाबा कहते हैं कि ठंड से राहत देने के लिए सरकार तो सामने नहीं आई लेकिन आम जनता रहनुमा बनकर कंबल बांटने और मदद करने के लिए हाथ बढ़ा रही है, बाबा बताते हैं कि रात के समय शराबियों और चोर उचक्के का भी इस कदर तांडव मचता है कि दिन भर लोगों से मांगकर जो पैसे वह अपने पास रखते हैं, उसे भी चोर उचक्के लूट ले जाते हैं.